भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) पर सरकार ने पुनर्विचार याचिका (review petition) दाखिल कर दी है। इसके लिए सुनवाई 17 मई को SC में की जाएगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के अंतरिम आदेश के बाद सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी गई है। ओबीसी वर्ग को आरक्षण (OBC Reservation) देने के लिए देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की गई है। एप्लीकेशन फॉर मॉडिफिकेशन (Application for modification) दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है। जिसके लिए 17 मई मंगलवार को सुनवाई होगी।
इस विषय में सरकार ने याचिका में 2 मांगे रखी है। जिसमें 2022 के परिसीमन के आधार पर ओबीसी को शामिल करते हुए चुनाव की अनुमति की मांग की गई है। इसके लिए समय मांगा गया है। वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) के मुताबिक चुनाव के लिए 2 से 3 सप्ताह का समय मांगा गया है। गृह मंत्री नरोत्तम ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार चुनाव कराने के लिए संकल्पित है। इस मामले में उन्होंने फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है। ओबीसी आरक्षण को लेकर तीनों रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी गई है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा पिछड़ा वर्ग आयोग ने आज ही सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। जिसके बाद आज हमने रिपोर्ट पेश की है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को स्पष्ट निर्देश दिए कि अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिना ही मध्य प्रदेश में चुनाव कराया जाए। ओबीसी आरक्षित सीटों को अनारक्षित श्रेणी में अधिसूचित किया जाए। साथ ही 2 सप्ताह के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। हालांकि इस मामले में अब राज्य सरकार ट्रिपल टेस्ट की निकायवार टेस्ट की रिपोर्ट तैयार की है।
पंचायत के लिए आरक्षण प्रक्रिया 15 दिन में पूरा करने पर असमर्थता जताते हुए समय की मांग की है। इधर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से याचिका मंजूर होने के बाद एक बार फिर से मध्य प्रदेश में पंचायतों और नगरीय निकाय चुनाव संकट के बादल घिरने लगे हैं। ज्ञात हो कि नगर निगम नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव जहां 16 जून के बाद हो सकते हैं।
वही पंचायती चुनाव को लेकर फिलहाल अभी असमंजस की स्थिति है। इधर जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर सरपंच पद का आरक्षण होना अभी बाकी है। ऐसे में 1 से 2 महीने का समय अधिक लग सकता है। वही आयोग के आयुक्त द्वारा भी नगरीय निकाय चुनाव को पहले कराने के संकेत दिए गए हैं। आयुक्त का कहना है कि नगरीय निकाय के चुनाव कराने में किसी भी तरह की वैधानिक दिक्कत नहीं है।