सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में 10 जून को अपरान्ह 3 बजे के बाद अभ्यर्थियों को निर्वाचन प्रतीक आवंटित किये जायेंगे। उन्होंने बताया है कि 10 जून को अपरान्ह 3 बजे तक अभ्यर्थी नाम वापस ले सकते हैं। प्रथम चरण का मतदान 25 जून, दूसरे चरण का एक जुलाई और तीसरे चरण का मतदान 8 जुलाई को सुबह 7 से अपरान्ह 3 बजे तक होगा।
जिला पंचायत सदस्य के लिए निर्वाचन प्रतीक
तीर कमान, दो पत्तियाँ, ऊगता सूरज, पतंग, छाता, गाड़ी, लालटेन, फावड़ा और बेलचा, बिजली का बल्ब, सिलाई की मशीन, हाथ चक्की, टेबल पंखा, स्लेट, रेडियो, हारमोनियम, दो तलवार और एक ढाल, पिचकारी, मटका, अंगूठी, बल्ला, चाबी, मोमबत्तियाँ, कढ़ाई, सीटी, सिर पर टोकरी सहित औरत, लड़का-लड़की, नाव, बेंच, गैस सिलेण्डर, गैस स्टोव, सिगड़ी, संडसी, गैस बत्ती, गुब्बारा, मेज, कुर्सी, मोरपंख, पीपल का पत्ता और सूरज-मुखी।
जनपद पंचायत सदस्य के लिये निर्वाचन प्रतीक
ब्लेक बोर्ड, बरगद का पेड़, झोपड़ी, ट्रेक्टर चलाता हुआ किसान, तराजू, फसल काटता हुआ किसान, मशाल, अलमारी, छत का पंखा, टेलीविजन, रेल का इंजन, टेलीफोन, डीजल पंप, प्रेशर कुकर, कप प्लेट, लेटर बाक्स, आरी, कंघी, ढोलक, ड्रम, भोंपू, चारपाई और दरवाजा।
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सरपंच के लिये निर्वाचन प्रतीक
चश्मा, कांच का गिलास, फलों सहित नारियल का पेड़, हस्तचलित पंप, ताला और चाबी, अनाज बरसाता हुआ किसान, सब्जियों की टोकरी, घंटी, टेबल लेंप, खंभे पर ट्यूब लाइट, हार, किताब, स्टूल, कलम दवात, कुआँ, गेहूँ की बाली, बस, पुल, नल, लट्टू, जग, हॉकी और गेंद, टोप और वायलिन।
पंच के लिये निर्वाचन प्रतीक
सीढ़ी, फावड़ा, बाल्टी, हल, कुल्हाड़ी, बिजली का स्विच, मक्के का भुट्टा, कैंची, केतली और बेलन।
अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने पर आवंटित किये जाने वाले अतिरिक्त प्रतीक
बनियान, कमीज, फ्राक, गुलाब का फूल, पोत, स्कूटर, जीप, वायुयान, रोड-रोलर, सेव, मूली, आम, केला और लेडी पर्स।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन-2022 के लिए मतदाता जागरूकता अभियान की सुनियोजित कार्य-योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। मतदाता जागरूकता अभियान से संबंधित कराई गयी गतिविधियों की जानकारी आयोग को भेजें। विस्तृत कार्य-योजना आयोग द्वारा सभी जिलों को भेजी गयी है। इसी के आधार पर जिला स्तर की कार्य-योजना बनायें।
प्रचार-प्रसार के लिए लक्ष्य
सिंह ने कहा है कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से मतदान का प्रतिशत बढ़ाना, मतदान का महत्व समझाना तथा मतदाताओं को मताधिकार के लिए प्रेरित करना है। अभियान में मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना, महिला एवं युवा मतदाताओं को मतदान के लिये प्रोत्साहित करना, जिन मतदान केन्द्रों पर विगत निर्वाचन में मतदान का प्रतिशत कम रहा है।
उन मतदान केन्द्रों पर मतदान का प्रतिशत बढ़ाये जाने के प्रयास करना, मतदाता सहायता केंद्रों की वार्ड अथवा मतदान केन्द्र स्तर पर स्थापना करना, संवदेनशील मतदान केन्द्रों में प्रशासन द्वारा की जा रही सुरक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी देना, मतदाताओं को मतदान के मूल्य तथा लोकतंत्र में मतदाता की भूमिका के प्रति जागरूक करना, गर्भवती महिला, वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग मतदाताओं द्वारा सुगमता से मतदान किये जाने की प्रक्रिया से अवगत कराना और आयोग द्वारा किये गये नवाचारों एवं नियम निर्देशों में हुए संशोधनों से मतदाताओं एवं अभ्यर्थियों को अवगत कराना है।