मुरैना, नितेन्द्र शर्मा। सहारा इंडिया (SAHARA India) में फंसे निवेशकों (investors) के करोड़ों रुपए को निकलवाने की कवायद तेज हो गई है। एक तरफ जहां SAHARA मामले हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अटके हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ अब जिला मंत्री भी निवेशकों के पैसे वापसी को लेकर गतिविधियां अपना रहे हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुरैना के जिला मंत्री राजेंद्र शुक्ला (rajendra shukla) ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने सहारा इंडिया कंपनी की विभिन्न कोऑपरेटिव सोसायटीयो में मुरैना जिले के हजारों निवेशकों का करोड़ों रुपया वापस दिलाने का आग्रह करते हुए कुछ सुझाव दिए हैं।
सहारा इंडिया कंपनी की विभिन्न कोऑपरेटिव सोसायटीयो में फसे छत्तीसगढ के राजनांदगांव जिले के हजारों निवेशकों के लगभग 15 करोङ रू वापस दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी प्रभावी कार्रवाई की है। दरअसल विभिन्न कोऑपरेटिव सोसायटीयो में निवेशकों के पैसे तो कंपनी ने निवेश करा लिए लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी उन्हें वापस नहीं किया गया।
कंपनी से बार-बार फरियाद करने के बाद भी जब पैसे वापस नहीं मिले तो लोगों ने स्थानीय जिला प्रशासन से शिकायत की और जिला प्रशासन ने इस पर एफआईआर दर्ज करते हुए लखनऊ से कंपनी के चार डायरेक्टर मोहम्मद खालिद, शैलेश मोहन सहाय, प्रदीप कुमार और लाल जी वर्मा को गिरफ्तार किया।
जैसे ही राजनांदगांव पुलिस इन लोगों को राजनांदगांव लेकर आई, SAHARA ने राजनांदगांव जिले के निवेशकों को 15 करोङ रू वापस देने का शपथ पत्र जिला प्रशासन को सौंप दिया। इतना ही नहीं जिला प्रशासन के पास यह 15 करोङ रू जमा भी करा दिए गए। मुरैना बीजेपी जिला मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने अपने पत्र में सिंधिया का आभार मानते हुए उन्हें सहारा इंडिया कंपनी से पैसे वापस दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले जैसी कार्रवाई करने के लिए ही आग्रह किया है ताकि निवेशकों का करोड़ों रुपया वापस किया जा सके।
पत्र मे शुक्ला ने लिखा है कि मंत्री सिंधिया निवेशकों की ओर से आपको कोटि धन्यवाद एवं कोटि कोटि आभार और अभिनंदन कि वर्षों से लंबित सहारा इंडिया कंपनी की विभिन्न कोऑपरेटिव सोसायटीयो में अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई निवेश करने वाले जौरा, कैलारस, सबलगढ़, अंबाह और पोरसा और मुरैना के आम आदमी की फरियाद आपने सुनी और जिला प्रशासन व पुलिस को तत्काल सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
शुक्ल ने पत्र में लिखा कि सहारा निवेशकों की समस्या को सुनने के बाद मुरैना के जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा एक एसआईटी भी इस संबंध में गठित की गई। सहारा के खिलाफ छत्तसगढ़ पुलिस की कार्रवाई की जानकारी देते हुए शुक्ल ने लिखा कि राजनांदगांव पुलिस द्वारा सहारा इंडिया और उससे संबंधित कंपनियों के निवेशकों की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई करते हुए एफ आई आर दर्ज की गई और कंपनी के चार डायरेक्टरों को लखनऊ से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
हैरत की बात यह है कि हमेशा पैसे की कमी का रोना रोने वाली सहारा इंडिया कंपनी ने अपने चार डायरेक्टरों के गिरफ्तार होने के साथ ही राजनांदगांव जिले में निवेशकों के पैसे 15 करोङ का तत्काल भुगतान जिला प्रशासन राजनांदगांव को कर दिया। वहीँ उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया से निवेदन की है कि सहारा इंडिया कंपनी से पैसे वापस दिलाने में राजनांदगांव का यह मॉडल मुरैना जिले में भी लागू करने के एसपी को निर्देश दिए जाने और अभिलंब प्रभाव से कंपनी के कर्ताधर्ताओं की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराने की कृपा करें ताकि जिले के हजारों निवेशकों की जीवन भर की गाढ़ी कमाई वापस मिल सके।