नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (modi government) पेंशनर्स (pensioners) को लेकर बड़ी तैयारी में हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों (retired employees) के पेंशन (pension) को हर साल 1 फीसद के तौर पर बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए वित्त मंत्रालय (finance ministry) द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है। वहीं बीते दिनों मंत्री जितेंद्र सिंह और पेंशन भोगियों के संगठन के बीच चर्चा की गई थी। संसदीय स्थाई समिति की सिफारिश को भी ध्यान में रखा गया है।
जिसमें माना जा रहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 80 वर्ष की वर्तमान आयु के बजाय 65 वर्ष के से शुरू होने वाले आयु के अनुपात में पेंशन वृद्धि शुरू करनी चाहिए। हालांकि अभी संसदीय स्थाई समिति के इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। वहीं यदि वित्त मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव की अनुमति दी जाती है तो निश्चित ही लाखों पेंशनर्स को इसका फायदा मिलेगा।
केंद्र सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन को हर साल 1% बढ़ाने पर विचार कर रही है। संसदीय स्थायी स्थायी समिति ने सरकार को 80 वर्ष की वर्तमान आयु के बजाय 65 वर्ष से शुरू होने वाली आयु के अनुपात में पेंशन वृद्धि शुरू करने की सलाह दी है। वित्त मंत्रालय द्वारा सिफारिश और 1% वार्षिक वृद्धि पर विचार किया जा रहा है, साथ ही 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5% की वृद्धि पर विचार किया जा रहा है।
फिलहाल, 80 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले सेवानिवृत्त लोगों को उनकी पेंशन में 20% की वृद्धि मिलती है। मंत्री जितेंद्र सिंह और पेंशनभोगियों के संगठनों के बीच हालिया चर्चा के बाद प्रशासन ने अपने एजेंडे में 1% वार्षिक वृद्धि शामिल की। समूहों के अनुसार वार्षिक 1% की वृद्धि 20% की वृद्धि के अनुरूप होगी जब सेवानिवृत्त व्यक्ति 80 वर्ष की आयु तक पहुंच जाएगा।
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चिकित्सा लाभ दोगुना होने की उम्मीद
राष्ट्रीय सरकार सेवानिवृत्त लोगों के लिए निश्चित चिकित्सा भत्ता (FMA) को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर सकती है। दवा की कीमतों में हालिया वृद्धि को देखते हुए, पेंशनभोगियों के संगठनों ने एफएमए में वृद्धि का आह्वान किया है। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार हर छह महीने या एक साल में पेंशनभोगियों की मेडिकल जांच कराए।
छठे केंद्रीय वेतन संशोधन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वृद्धि के लिए ऊपरी आयु सीमा 80 प्लस निर्धारित की गई थी। संसदीय स्थायी समिति ने देखा है कि पेंशनभोगियों को ऐसी परिस्थितियाँ प्रदान की जानी चाहिए जहाँ वे किसी पर बोझ बने बिना अपने दम पर रह सकें।
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आयु के क्रम में पेंशन में मौजूदा वृद्धि
- 80 वर्ष – 20 प्रतिशत
- 85 वर्ष – 30 प्रतिशत
- 90-95 वर्ष – 40 प्रतिशत
- 100 वर्ष – 50 प्रतिशत
पार्लियामेंट स्थायी समिति की सिफारिश
- 65 वर्ष – 5 प्रतिशत
- 70- 10 प्रतिशत
- 75 वर्ष – 15 प्रतिशत