भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में मानसून (MP Weather) की विदाई के बाद एक बार फिर बारिश का दौर शुरु हो गया है, जिसके चलते फसलों और जनजीवन को भारी नुकसान पहुंचा है, ऐसे में प्रदेश की शिवराज सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने वर्षा से प्रभावित फसलों की क्षति का सर्वे कराने और और नुकसान की भरपाई के लिए सहायता राशि देने का फैसला किया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश के कुछ स्थानों पर फसलों को गत दो दिवस में हुई वर्षा से क्षति हुई है। इस वर्षा से प्रभावित किसानों को आवश्यक राहत प्रदान की जाएगी। इस उद्देश्य से प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की क्षति के सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। क्षति का आकलन होने पर प्रभावितों को सहायता राशि मिलेगी। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी दिलवाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। सरकार किसानों के इस कष्ट में पूरी तरह उनके साथ है। मध्यप्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है।
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (MP Agriculture Minister Kamal Patel) ने ट्वीट कर लिखा है कि भाजपा की प्रदेश सरकार सीएम शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में किसानों की सरकार है।बेमौसम बारिश (Rain In MP) होने से प्रदेश के कई हिस्सों मे किसानों की खड़ी और कटी फसलों मे नुकसान हुआ है हमने जिला कलेक्टरों को वीडियोग्राफी करवाकर फसलों में हुए नुकसान के सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं।
किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए खजाने से देंगे राशि
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अलग-अलग श्रेणी के किसानों (Farmers) और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली देने के लिए सरकार (MP Government) ने अपने खजाने से राशि देने का निर्णय लिया है। सरकार की तरफ से बीस हजार करोड़ से अधिक की सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को सस्ती बिजली (Electricity) इसलिए मिलती है क्योंकि सरकार खजाने से राशि देती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोयले की दरें बढ़ने के कारण उत्पन्न समस्याओं के बावजूद बिजली की आपूर्ति बाधित नहीं होने दी जाएगी। बिजली कंपनी को सहायता की आवश्यकता थी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज दुनिया भर में बिजली संकट है। बहुत से विकसित देश भी इससे जूझ रहे हैं। प्रधानमंत्री (PM Modi) जी भी समस्या से अवगत हैं। वे मध्यप्रदेश को कष्ट नहीं होने देंगे। उनके स्तर से भी आवश्यक सहयोग मिल रहा है। घरेलू उपभोक्ताओं को भी लगभग 4900 करोड़ रुपये की सब्सिडी हम देते हैं। तब कहीं सस्ती बिजली मिलती है। कुल मिलाकर 20 हजार 700 करोड़ से अधिक की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। इससे किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सकेगी।