बकरीद/Eid ul-Adha: प्रदेश की सबसे बड़ी बकरा मंडी पर कोरोना और महंगाई की मार! कोरोना काल के चलते ठप व्यापार

Lalita Ahirwar
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। कोरोना के चलते आमजनों की आर्थिक रूप से कमर टूट चुकी है, वहीं बढ़ती महंगाई का असर अब त्योहारों पर भी साफ नजर आ रहा है। बुधवार को बकरीद है और ऐसे में प्रदेश के मिनी मुम्बई कहलाने वाले इंदौर शहर में लगने वाली बकरा मंडी के हाल बेहाल हैं। दरअसल, मुंबई तक बकरों की डिलिवरी करने प्रदेश की सबसे बड़ी बकरा मंडी पर कोरोना काल और बढ़ती महंगाई का असर देखा जा रहा है। जहां कोरोना के पहले हर बकरों की मांग ग्राहक की जेब और पसंद पर निर्भर हुआ करती थी वहीं अब कोरोना की दूसरी लहर के चलते खरीददारों और बेचने वालों में समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है।

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बता दें कि इंदौर की सबसे बड़ी बजरिया बकरा मंडी में ईद की कुर्बानी के लिए बड़ी संख्या में बकरों की खरीद-फरोख्त होती है, साथ ही यहां आसपास के राज्यों से व्यापारी ईद के कुछ माह पहले व्यापार के लिए आते थे लेकिन कोरोना काल के चलते व्यापार ठप पड़ गया है और इस बार ईद पर बकरों की मांग में कमी देखी जा रही है।

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दरअसल, एक समय ऐसा हुआ करता था कि बजरिया मंडी में 50 हजार से 1 लाख रुपये तक कि कीमत के बकरे बिकते थे लेकिन अब ये बकरा मंडी महंगाई की मार झेल रही है। मध्य प्रदेश बकरा मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब कुरैशी ने बताया कि पिछले 2 सालों से कोरोना की मार झेल रहे कारोबारी और किसान अब अपने बकरों की लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। जो किसान साल भर तक बकरों को पाल पोस कर तंदरुस्त करता है, अब उसी किसान को बकरे पर खर्च किए गए पैसे ग्राहक से नहीं मिल रहे हैं। जिन बकरों को 25 से 30 हजार में बेचा जाता था उन्हें अब ग्राहक 15 से 16 हजार में मांग रहे है। उन्होंने बताया कि महंगाई और लॉकडाउन में लोग अपने खर्चों में भी कमी करने लगे हैं उसी का असर बाज़ार में देखने को मिल रहा है। लोग जो त्यौहार धूम – धाम से मनाते थे वही अब सादगी से मना रहे है और कम खर्च में अपनी खुशी मनाने पर मजबूर हैं।

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बता दें कि कोरोना काल के पहले इंदौर की बकरा मंडी में मध्यप्रदेश से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के व्यापारी भी बड़ी संख्या में व्यापार करते थे लेकिन कोरोना और बढ़ती महंगाई के चलते व्यापारियों में उत्साह कम नजर आ रहा है। ऐसे इसका असर बकरीद पर भी नजर आ रहा है।


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