भिंड, डेस्क रिपोर्ट। MP के भिंड (Bhind) जिले के देहात थाना प्रभारी को एक मुजरिम की शिनाख्त परेड न कराना भारी पड़ गया। कोर्ट (MP Court) ने इस पर आपत्ति जताते हुए मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक DGP को पत्र लिखकर कहा है कि इन्हें कानून (law) और जांच का तरीका सिखाने 6 महीने के लिए प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए।
भिंड के देहात थाना क्षेत्र में 10 वर्ष पूर्व एक ट्रैक्टर चोरी गया था। जिसमें कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज हुआ था। इसमें धारा 27 के मैमों के आधार पर राजवीर सिंह जाटव को भी आरोपी बनाया गया था। राजवी उस समय फरार था और 14 फरवरी 2022 को उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपी की ओर से लगाई गई जमानत याचिका को कोर्ट ने यह कहकर खारिज कर दिया कि अभी आरोपी की शिनाख्त परेड नहीं हुई है।
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इस पर दोबारा जमानत का आवेदन जब आवेदक की ओर से प्रस्तुत हुआ तब राजवीर के वकील ने बताया कि राजवीर के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं और उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। केवल धारा 27 के मैमों के आधार पर उसे आरोपी बनाया गया है। आरोपी की शिनाख्त परेड भी नहीं हुई। इस पर जब कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा कि शिनाख्त परेड क्यों नहीं कराई तब HSO रामबाबू सिंह यादव ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं हुई और अब शिनाख्त परेड करा ली जाएगी।
कोर्ट ने इस पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा कि थाना प्रभारी को कानून का ज्ञान नहीं है। कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया है कि थाना प्रभारी को कानून के ज्ञान और जांच का तरीका सिखाने के लिए कम से कम 6 महीने पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में भेजें। इसके साथ ही डीजीपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के सामने 15 दिन के भीतर रिपोर्ट भी पेश करें। कोर्ट ने आरोपी राजवीर सिंह की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उसे रिहा करने के भी निर्देश दिए हैं।