भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सरकार द्वारा घोषित बिजली बिल (Electricity bill) माफी से डिस्कॉम को गंभीर नुकसान होने की संभावना है और यह बिजली अधिनियम के खिलाफ है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल (Madhya Pradesh Electricity Board) अभियान संघ- राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनियरों (Engineers) के एक निकाय ने भी पत्र में आग्रह किया कि सरकार को डिस्कॉम पर 50% बोझ डालने के बजाय योजना के तहत दी जाने वाली पूरी सब्सिडी (subsidy) वहन करनी चाहिए।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2012-13 में दी गई। इसी तरह की छूट, मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (MPERC) ने डिस्कॉम की राजस्व याचिका में 774 करोड़ रुपये के नुकसान को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। जो इसी तरह की छूट योजना का परिणाम था और डिस्कॉम को करना पड़ा था। भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
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16 नवंबर को, सरकार ने समाधान योजना की घोषणा की। एक बिल माफी योजना के तहत, कम आय वाले घरेलू उपभोक्ता जिनके पास 1KV तक का लोड है। उन्हें बकाया बिलों के खिलाफ छूट मिलेगी। इस योजना का लाभ दो तरह से लिया जा सकता है, या तो उपभोक्ता एक बार में पूरी बकाया राशि का भुगतान कर देता है और मूल बकाया की 40% छूट और अधिभार की 100% छूट प्राप्त करता है, या उपभोक्ता छह किस्तों में भुगतान करता है और अधिभार पर 100% छूट प्राप्त करता है और मूल देय पर 25% प्राप्त करता है।
छूट में से – संपूर्ण अधिभार और वास्तविक देय पर दी गई छूट का 50% डिस्कॉम द्वारा वहन किया जाना था। एसोसिएशन के महासचिव, वीकेएस परिहार ने कहा कुल मिलाकर, लगभग 4900 करोड़ रुपये का बकाया है और इस छूट से कम से कम 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा। विद्युत अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।