भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में लगातार हुई तीन दिन की बारिश ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है, नदी नाले उफान पर है और कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है, ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित विदिशा, गुना, मुरैना, देवास, राजगढ़, मंदसौर, भिण्ड, ग्वालियर और श्योपुर जिलों के कलेक्टर से चर्चा कर बाढ़ की जानकारी ली और मंत्रियों-अधिकारियों को कई बड़े निर्देश दिए। सीएम ने कहा है कि इस समय प्रदेश में कई जगह बाढ़ की स्थितियाँ निर्मित है, विदिशा, राजगढ़, गुना आदि जिलों में कई गाँव बाढ़ से घिरे हैं, ऐसे में यह उचित नहीं होगा कि हम केवल बैठक कर स्थिति की समीक्षा करें, सभी का मैदान में जाना आवश्यक है।
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनता कष्ट में है, पानी से घिरी हुई है। मैं स्वयं बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में निकल रहा हूँ। अलग-अलग जिलों के प्रभारी मंत्री भारी वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों की जानकारी लें। जहाँ जाना आवश्यक है वहाँ जाएँ और लोगों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में मंत्रीगण प्राण-प्रण से जुटें।मंत्री अपने-अपने प्रभार के जिलों और स्थानीय जिलों में प्रशासन एवं जन-सामान्य से सम्पर्क में रहें। राहत के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएँ, जिससे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। यह भी सुनिश्चित करें कि बाढ़ उतरने के बाद फसलों, संपत्ति के नुकसान का आंकलन उचित रूप से किया जाए।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को बचाना है। पानी उतरते ही हम क्षति का आकलन करेंगे और प्रभावितों को हर संभव सहायता पहुँचायेंगे। पूरा आकलन करने के बाद युद्ध स्तर पर स्थितियों को ठीक करने की कोशिश करेंगे। सभी प्रभारी मंत्रियों से कहा कि प्रदेश के आधे जिलों में भारी बारिश की संभावना है। निचले स्थानों पर निवासरत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाए। अधिकांश बांधों से पानी छोड़ना पड़ रहा है और नदियों के तेज प्रवाह के कारण जो स्थिति निर्मित हो रही है, उस पर ध्यान देना हमारा कर्त्तव्य है। गांधी सागर बांध से काफी पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे चंबल नदी खतरे के निशान को छुएगी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित जिलों में पूरी सावधानी और सतर्कता बरती जाए। बारिश फिलहाल बंद है, लेकिन सतर्कता बनी रहे। NDRF, SDRF की टीमें तैनात रहें। जिला प्रशासन के अधिकारी समाज और जन-प्रतिनिधियों को साथ लेकर कार्य करें। बाढ़ से बचाव के लिए सेना के 5 हैलीकॉप्टर तैनात रहेंगे। जहाँ भी जरूरत होगी वहाँ हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जाएगा। मैं भी रेस्क्यू का जायजा लेने पहुँचूगा। सबको सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सीएम ने विदिशा के ग्राम स्यावदा में बाढ़ पीड़ितों से संवाद कर उन्हें ढांढस बंधाया और आश्वस्त भी किया कि अब उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। जो भी नुकसान हुआ है, सर्वे कर शीघ्र ही सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे नागरिकों, जिन्हें स्वास्थ्य उपचार की आवश्यकता है, का शासन स्तर पर नि:शुल्क स्वास्थ्य उपचार के प्रबंध किए जाएंगे। बाढ़ पीड़ितों की समस्याएँ सुनी और उनके निदान के आवश्यक निर्देश मौके पर मौजूद अधिकारियों को दिए।
कलेक्टरों ने दी जिलों की जानकारी
- विदिशा कलेक्टर ने बताया कि जिले के कुरवाई में बाढ़ की समस्या बनी हुई है। शहर में पानी भरा है। सीएम चौहान ने कहा कि सतर्क रहें। रेस्क्यू आपरेशन प्रभावित नहीं हो। सुबह फिर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करूँगा।
- मुरैना कलेक्टर ने कहा कि कोटा बेराज के सभी 6 गेट खुले हुए हैं। अभी पानी और बढ़ने की संभावना है।
- राजगढ़ कलेक्टर ने बताया कि गाँव पानी से घिरे हुए हैं, स्थिति नियंत्रण में है। गुना कलेक्टर ने कहा कि जिले में 8 टीमें सर्तक होकर कार्य कर रही हैं।
- मंदसौर कलेक्टर ने कहा कि शिवना नदी में जलस्तर बढ़ने से 15 परिवारों को स्कूल में शिफ्ट किया गया है। जिले में 300 से 400 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
- श्योपुर कलेक्टर ने कहा कि जिले में पार्वती और चंबल नदियों का जल स्तर बढ़ा हुआ है। पूरी टीम अलर्ट है, खेतों और बसाहटों में पानी भरा हुआ है। अन्य कलेक्टरों ने स्थिति नियंत्रण में होने की जानकारी दी।