दमोह, आशीष कुमार जैन। एक मुलाकात कई सवाल खड़े कर जाती है और जब ये मुलाकात दो अलग अलग राजनेतिक दलों के नेताओं की हो तो सियासी गलियारों में खलबली स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही दमोह में हुआ। जहां सूबे के पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा BJP कद्दावर नेता जयंत मलैया (Jayant Malaiya) के घर अचानक से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव (Arun yadav) मिंलने पहुंच गए।
यादव अकेले नही बल्कि कांग्रेस की पूरी टीम के साथ मलैया निवास गए। जहां मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने उनका और उनके साथियों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। अरुण यादव और सिद्धार्थ मलैया के बीच लंबी बातचीत हुई और इस मुलाकात ने सियासी गलियारो में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया।
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दरअसल इन चर्चाओं के पीछे की वजह भाजपा द्वारा लगातार मलैया और उनके परिवार की अनदेखी करना है। बीते महीनों में हुए दमोह के विधानसभा उपचुनाव में जहां पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को उम्मीदवार नही बनाया वहीं चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ को पार्टी से निष्काषित कर दिया गया जिसके बाद मलैया परिवार का पार्टी से दूर होने का अंदेशा लगाया जा रहा है।
हालांकि इस मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अरुण यादव ने मीडिया के सामने साफ किया कि उनके और मलैया परिवार के दशकों पूराने संबंध है और सिद्धार्थ उनके भाई के मित्र है और जब उन्हें पता चला कि जयंत मलैया अस्वस्थ है तो वो उनकी तबियत जानने के लिए आये थे। अरुण यादव ने ये भी कहा कि सिद्धार्थ जहां जिस दल में हैं ठीक हैं। वहीं मुलाकात के बाद सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि मुलाकात आम शिष्टाचार वाली थी इसके राजनेतिक मायने नही निकालने चाहिए।
ये पहला मौका नही जब मलैया परिवार को लेकर ये बात सामने आई है बल्कि कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत सिंह ने दावा किया था कि मलैया परिवार आप के संपर्क में है जिस पर सिद्धार्थ मलैया ने पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष को गंभीर होना चाहिए और उनसे कभी भी किसी भी प्रकार की कोई बात नही हुई है।