रांची, डेस्क रिपोर्ट। देश में पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) लागू हो चुकी है। वहीं अन्य राज्य भी इसका असर तेजी से नजर आ रहा हैं। दरअसल बीते दिनों मुख्यमंत्री (CM) द्वारा राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का ऐलान कर दिया गया है। 15 अगस्त के बाद राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया जाएगा। हालांकि पुरानी पेंशन योजना को झारखंड में लागू करने के लिए फिलहाल काफी दिक्कतें सामने आ रही है।
बता दें कि देश के विभिन्न संगठन द्वारा पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर रांची में सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) द्वारा 15 अगस्त से पुरानी पेंशन योजना लागू करने का ऐलान किया गया था। वही अभी तक आ रही जानकारी के मुताबिक मुख्य सचिव की ओर से प्रस्ताव में पुरानी पेंशन योजना को शामिल कर दिया गया है।
वही आला अफसरों के साथ विचार-विमर्श भी जा रही है। कुल मिलाकर नई पेंशन योजना के तहत पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (PFRDAI) को 17000 करोड़ रुपए की राशि जमा की गई है। यह राशि सरकारी सेवकों और राज्य सरकार की राशि है। वही पीएफआरडीए में जमा पैसे को भारत सरकार से वापस लेना होगा। इसके बाद ही प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जा सकता है। ऐसे में वित्त विभाग के अधिकारी भी लगातार इस मामले में विचार विमर्श कर रहे हैं कि इस राशि को पीएफआरडीए केंद्र से कैसे वापस पाया जाए।
इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की घोषणा की गई थी। 15 अगस्त तक माना जा रहा है कि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया जाएगा। जिसका सीधा सीधा लाभ सवा लाख कर्मचारियों को होगा। वहीं राज्य में 195000 कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनमें से 135000 कर्मचारी ने पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं। वहीं यदि सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करती है तो 135000 कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आ जाएंगे। बता दे कि 2004 से झारखंड में नई पेंशन योजना को लागू किया गया है।
वहीं से पहले पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए बनाई गई संचिका में राज्य के मुख्य सचिव ने अपनी टिप्पणी में बड़ा उल्लेख किया। दरअसल उन्होंने कहा है कि पूर्व में केंद्र सरकार के पास जमा 17000 करोड रुपए कैसे वापस मिलेंगे। इस पर स्पष्ट स्थिति का निर्धारण करने के बाद ही पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर विचार करना चाहिए। वहीं इस मामले में राज्य सरकार केंद्र के तरफ से पैसा नहीं लौटाए जाने पर न्यायालय का भी सहारा ले सकती है। फिलहाल सीएम की घोषणा के बाद यह तो तय है कि जल्द ही इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया जाएगा।
इससे पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है जबकि बंगाल में शुरू से ही पुरानी पेंशन योजना लागू है। ऐसी स्थिति में नई पेंशन योजना के बाद पुरानी पेंशन योजना लागू करने वाला झारखंड संभवत देश का तीसरा राज्य बन सकता है। इधर केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी सूरत में नई पेंशन योजना को वापस नहीं लिया जाएगा।