भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने एक नई तैयारी शुरू की है। जिसके तहत फिंगरप्रिंट स्कैनर (fingerprint scanner) लगाने का प्रस्ताव (proposal) तैयार किया गया है। इससे एक तरफ जहां प्रदेश में सुशासन की व्यवस्था को सूचित किया जाएगा। दूसरी तरफ हर जिले को इसका लाभ मिलेगा। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) को पुलिस मुख्यालय (PHQ) द्वारा एक प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है।
जारी प्रस्ताव के मुताबिक 1000 थानों में यह नया सिस्टम लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसके जरिए पुलिस हर बदमाश और चोरों के फिंगरप्रिंट का रिकॉर्ड रखेगी और फिंगरप्रिंट मिलान के हाईटेक सिस्टम नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट एडिफिकेशन सिस्टम के तहत अपराधियों की पहचान करेगी।
जानकारी के मुताबिक नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम के तहत अब तक मध्य प्रदेश के 12 लाख से अधिक अपराधियों के फिंगरप्रिंट का डेटाबेस तैयार हो चुका है। अभी तक 23 वर्क स्टेशन पर नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रस्ताव भेजने के बाद अब अपराधियों के फिंगरप्रिंट स्केनर पर इसके रिकॉर्ड अपडेट किए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के थाने में स्कैनर की मदद से फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं और उसे सीधे नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम पर अपलोड किया जाता है। नया सिस्टम फिलहाल आला अधिकारियों सहित जिला मुख्यालय में ही मौजूद है जबकि नए प्रस्ताव के तहत इसे हर थाने में स्केनर और सिस्टम लगाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इस प्रस्ताव का फायदा यह होगा कि अधिक से अधिक अपराधियों के फिंगरप्रिंट लिए जा सकेंगे। नए सिस्टम से थाने पर फिंगरप्रिंट लिए जाने की सुविधा भी मिलेगी। इस सुविधा के तहत अपराध करने के बाद संदेह के दायरे में आने वाले व्यक्तियों की पहचान इस माध्यम से की जाती है। साथ ही संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के अलावा अपराधियों की पहचान भी फिंगरप्रिंट के आधार पर की जाती है।