रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां सहारा इंडिया (SAHARA India) के निवेशकों (investors) द्वारा जमा की गई राशि के भुगतान की मांग तेज हो गई है। वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रश्नकाल के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार से विधायक (MLA) ने चिटफंड कंपनियों (chitfund companies) का मामला उठाया है। हालांकि विधायक रेणु अजीत जोगी के उठाए सवाल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में गृह मंत्री द्वारा दिया गया बयान चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान विधायक रेणु अजीत जोगी ने चिटफंड कंपनियों का मामला उठाया। इस दौरान सहारा इंडिया के निवेशकों द्वारा जमा की गई राशि का विवरण वर्ष 2018 से छत्तीसगढ़ प्रदेश में निवेशकों के रूप में चिटफंड कंपनियां संचालित है। ऐसे कई सवाल पूछे गए।
विधायक रेणु अजीत जोगी ने इस दौरान सहारा इंडिया में निवेशकों द्वारा जमा की गई राशि का विवरण भी मांगा। रेणु अजीत जोगी ने गृहमंत्री से सवाल करते हुए पूछा कि कंपनियों के नाम सहित उनकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा सहारा इंडिया की विभिन्न शाखाओं में निवेशकों द्वारा जमा कराई गई राशि के भुगतान के लिए 17 नवंबर 2021 तक क्या क्या कार्रवाई हुई है। इसके विवरण उपलब्ध कराने की बात कही गई।
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वहीं अब तक प्रदेश के कितने निवेशकों द्वारा उक्त कंपनी में कितनी राशि का निवेश किया गया है। इसकी भी जानकारी रेनू अजीत जोगी द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार से मांगी गई है। प्रश्नकाल के दौरान इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि वित्त विभाग की जानकारी अनुसार प्रदेश में चिटफंड अधिनियम 1982 प्रभावशील है। इस अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश में कोई भी चिटफंड कंपनी अधिकृत रूप से पंजीकृत अथवा संचालित नहीं है।
वही दूसरे सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज ने कहा कि सहारा इंडिया पर राज्य शासन का नियंत्रण नहीं है। जिस कारण निवेशकों के द्वारा जमा कराई गई राशि एवं भुगतान की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। हालाकि सहारा इंडिया कंपनी में निवेश राशि की जानकारी राज्य शासन के पास उपलब्ध नहीं है। बावजूद इसके जो मामले अब तक संज्ञान में आए हैं या आ रहे हैं। उन पर समुचित कार्रवाई की जा रही है।