भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में लगातार प्रदेश को विकसित करने और खुशहाल बनाने के क्रम में अब हैप्पीनेस मीटर (Happiness meter) का इस्तेमाल किया जाएगा। जी हां मध्य प्रदेश में हैप्पीनेस इंडेक्स (Happiness Index) निकालने के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। साथ ही प्रदेश की योजनाओं का प्रदेश की जनता पर किस तरह प्रभाव पड़ा है और इससे उनके जीवन में कितनी खुशहाली है। इसके लिए अब हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार किया जा रहा है। इंडेक्स के जरिए भी प्रदेश सरकार की योजनाओं (Government Scheme) का आकलन किया जाएगा।
बता दे कि प्रदेश में हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए अगले महीने से कब आए शुरू होगी। साल के अंत तक राज्य का हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार किया जाएगा। हालांकि इसके लिए 5 साल से तैयारी की जा रही है। ₹50 लाख खर्च किए गए हैं लेकिन Corona की वजह से ढाई साल तक काम ठप हो गया था। हालांकि अब एक बार फिर से आनंद संस्थान द्वारा हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
मामले में राज्य आनंद संस्थान के प्रभारी सीईओ प्रवीण गंगराड़े का कहना है इसके अलावा सेंटिफिक प्रोसेस हो गए हैं। टेबल वर्क पूरा किया जा चुका है। प्रश्नावली भी लगभग तैयार हो चुकी है। ऐसे में ट्रेनिंग ईशा फाउंडेशन कोयंबटूर और आर्ट ऑफ लिविंग जैसे जगह पर करवाई जा रही है। साथ ही मध्य प्रदेश के सवा लाख लोगों को इसमें वॉलिंटियर तैयार किया गया है। सैपलिंग साइज तय होना बाकी है। जल्द हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए मैदानी सर्वे का काम शुरू किया जाएगा।
इसके लिए मैदानी सर्वे शुरू किया जाएगा। जहां 5 साल पहले आनंद संस्थान प्रदेश के लोगों की खुशी का पता नहीं कि लगाने के लिए हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार करने का ऐलान किया गया था। वहीं अब इसके लिए आईआईटी खड़कपुर द्वारा डोमिन तैयार किया गया। IIT के टीम द्वारा हैप्पीनेस इंडेक्स की स्टडी की जा रही है। इसके लिए सवाल, डाटा तैयार कर उसके कंपाइलेशन तक का काम पूरा होने के साथ ही पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के बाद ट्रेनिंग और मैदानी सर्वे का काम शुरू किया जा सकता है।
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इसके लिए कई तरह के सवाल और प्रक्रिया को लेकर भी डाटा तैयार किए गए हैं। डाटा संकलन के तौर पर राज्य आनंद संस्थान के पैमाने पर हैप्पीनेस इंडेक्स की जांच करेगा। जिसमें संयुक्त परिवार में रहने वाले ज्यादा संतुष्ट है या अलग परिवार में आदि प्रश्नों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में शिक्षा के स्तर को लेकर छात्र खुश है या नहीं इस पर भी सवाल पूछे जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर वैवाहिक स्थिति और अन्य मामलों में भी खुशी और संतुष्टि से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। हैप्पीनेस इंडेक्स में नौकरी आमदनी सहित अन्य पैमाने पर भी लोगों के विचारों की जांच की जाएगी। इसके अलावा अलग-अलग उम्र जेंडर ग्रामीण आदिवासी अमीर गरीब बेरोजगार जैसे विभिन्न वर्ग और समूह के लिए भी सर्वे के सवाल तैयार किए जा रहे हैं।