हैदराबाद, डेस्क रिपोर्ट। हाईकोर्ट (High court) ने फिर से कर्मचारियों (Employees) के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल उच्च न्यायालय (High court) ने राज्य सरकार के फैसले को पलटते हुए कर्मचारियों को समान काम के लिए समान पारिश्रमिक (equal pay) देने के निर्णय पर सहमति दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को रद्द करते हुए कर्मचारियों को समान वेतनमान (equal pay) का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। वहीं कर्मचारियों को एरियर (arrears) का भुगतान 1 अप्रैल 2019 से किया जाएगा।
दरअसल आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने डाटा प्रोसेसिंग अधिकारी के पद से जुड़े राज्य के विभिन्न जिला न्यायालय में अनुबंध के आधार पर कार्यरत कंप्यूटर सहायकों को 1 अप्रैल 2019 से समान वेतनमान का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। वहीं राज्य सरकार के पारिश्रमिक में वृद्धि नहीं करने के फैसले को पलटते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि समान कार्य के लिए समान वेतन मान नहीं देना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है।
मामले में न्यायमूर्ति ए वी शीशा और न्यायमूर्ति जी राम कृष्ण प्रसाद ने कहा कि संशोधित पारिश्रमिक का लाभ डाटा प्रोसेसिंग अधिकारियों को समान रूप से बढ़ाया गया था लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा लागू को देने से इनकार किया जा रहा है। जिसका कोई औचित्य नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को लाभ से वंचित करने का मामला भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के अलावा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समान वेतन सिद्धांत का उल्लंघन माना जाएगा।
मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील देते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को पहले समान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा था लेकिन अब दोबारा से वेतन वृद्धि नहीं करने का कोई भी उचित कारण नहीं बताया गया है। वहीं प्रतिवादी अधिकारियों ने याचिकाकर्ता को लाभ नहीं देने के लिए जिन कारणों का हवाला दिया था, उसमें संशोधित वेतनमान 2015 में सहायकों के पद पर कोई वेतनमान तय नहीं किए गए थे।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय को आधार बनाते हुए याचिका की अनुमति देते हुए न्यायालय ने आक्षेपित निर्णय को रद्द कर दिया और अधिकारियों को याचिकाकर्ताओं को समान कार्य के लिए समान वेतनमान देने और पारिश्रमिक में वृद्धि का लाभ 1 अप्रैल 2019 से देने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं को पारिश्रमिक में वृद्धि का लाभ रु 31,469 दिनांक 01.04.2019 से डाटा प्रोसेसिंग अधिकारी के पद से जुड़े न्यूनतम समयमान के बराबर देने के निर्देश दिए हैं।