जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। हाई कोर्ट (high court) ने एक बार फिर कर्मचारी (Employees) को बड़ी राहत दी है। दरअसल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण सुनवाई पर निर्देश के साथ याचिका का पटाक्षेप कर दिया। वही 90 दिन के भीतर कर्मचारी को तृतीय क्रमोन्नति (promotion) के लाभ सहित एरियर्स (arrears) और ब्याज (interest) के भुगतान के निर्देश दिए हैं।दरअसल जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा तृतीय क्रमोन्नति के लाभ मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकल पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता ने दलील पेश की।
इस दौरान याचिकाकर्ता कटनी निवासी श्री प्रकाश पांडे की ओर से वकील शंकर प्रसाद सिंह ने पक्ष रखा। पक्ष रखते हुए अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति 1994 में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर हुई थी। 1990 में व्याख्याता के पद पर उनकी पदोन्नति दी गई जबकि 2012 में उन्हें प्राचार्य नियुक्त कर दिया गया। 30 मई 2015 को सेवानिवृत्त हुए बावजूद इसके उन्हें तृतीया क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है।
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वही याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि 34 वर्ष सेवा देने के बावजूद उन्हें तृतीय क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है जबकि राज्य शासन के प्रावधान और परिपत्र मुताबिक 12 साल की सेवा पर पहली, 24 साल की सेवा पर दूसरे और 30 साल की सेवा पर तृतीया क्रमोन्नति के लाभ का प्रावधान है।
वही याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ने कहा कि कर्मचारी को क्रमोन्नति के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके याचिकाकर्ता को पदोन्नति का लाभ देने के बाद उन्नति के लाभ से वंचित कर दिया गया है। जिस पर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश के साथ याचिका का पटाक्षेप कर दिया। इसके साथ ही 90 दिन के भीतर नियम अनुसार कर्मचारी को तृतीय क्रमोन्नति के लाभ सहित एरियर और ब्याज के भुगतान के निर्देश दिए गए हैं।