ICMR ने अपने निर्देश में कहा है कि त्योहारी सीजन को देखते हुए बाजारों में भीड़ बढ़ रही है। इसके अलावा स्कूल कॉलेजों को खोला गया है। साथ ही मंदिरों की भीड़ को देख कोरोना के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में रोजाना प्रदेश में केसों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
मामले में Bhopal AIIMS के डायरेक्टर सरवन सिंह का कहना है कि corona की तीसरी लहर का आना है या नहीं आना, यह पूर्ण रूप से प्रदेश की जनता पर निर्भर करता है। सभी लोग उचित रूप से vaccine लगवाए। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। तभी तीसरी लहर को रोका जा सकता है। भोपाल एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर यदि आती है तो इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों का रहेगा।
वहीं राज्य शासन द्वारा Corona की third wave से निपटने की तैयारी जारी है। अस्पतालों में विस्तार की संख्या बढ़ाई गई है। साथ ही ऑक्सीजन के इंतजाम किए गए हैं। सरकार लगातार टेस्टिंग की संख्या में बढ़ोतरी कर रही है। वही संक्रमितों को आइसोलेट कर उनके इलाज पर फोकस किया जा रहा है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि छुट्टियों के मौसम में तीसरी लहर चरम पर हो सकती है और अनुमान से दो सप्ताह पहले लहर देखी जा सकती है। शीर्ष जैव चिकित्सा अनुसंधान एजेंसी ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर पूर्व जैसे पर्यटन स्थलों वाले राज्यों को कोरोना प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने और टीकाकरण प्रमाण पत्र और कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के लिए कहा है।
ICMR ने उल्लेख किया कि भारत में हाल ही में कोरोना की ‘दूसरी लहर’ गंभीर थी, लेकिन विभिन्न राज्यों में इसका अलग-अलग प्रभाव दिखा। कम आबादी वाले छोटे राज्यों में राष्ट्रीय स्तर की तुलना में न केवल ज्यादा केस देखा गया बल्कि अब भी मामले सामने आ रहे।
आईसीएमआर ने कहा कि इन ‘छोटे राज्यों’ में हिमाचल प्रदेश और असम जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं, जहां वर्तमान में देश के अन्य हिस्सों से पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि घरेलू यात्रा के संबंध में प्रतिबंधों पर कोई राष्ट्रीय दिशानिर्देश मौजूद नहीं है। जिसे लागू करना चाहिए