नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में जल्दी मानसून (Monsoon 2022) की दस्तक होगी दरअसल आज रात तक के केरल में मानसून (kerela monsoon) के दस्तक देखने को मिल सकती है वहीं IMD Alert की माने तो केरल कर्नाटक सहित कई राज्य में लगातार बारिश (rain alert) का दौर जारी है पूर्वी राज्य के असम मेघालय मणिपुर नागालैंड में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इधर राजधानी दिल्ली (Delhi weather) सहित कई राज्यों में एक बार फिर से तापमान में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
IMD के माने तो 4 दिन तक दिल्ली में तापमान में मामूली वृद्धि का अनुमान जताया गया वहीं तापमान में 41 फीसद की वृद्धि संभव हो सकता है। वही बिहार झारखंड में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। राजस्थान की बात करें तो गुरुवार को राजस्थान में अधिकतम तापमान में 2 फीसद की वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। दरअसल बीकानेर में सर्वाधिक तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। वहीं गंगानगर कोटा में भी तापमान 42 डिग्री के पार रहा है। मध्यप्रदेश में एक तरफ जहां कुछ जिलों में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं दूसरी तरफ कुछ जिले में तापमान में वृद्धि रिकॉर्ड की जाएगी।
वही बिहार झारखंड की बात करें तो शुक्रवार को एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदलेगा। दरअसल भीषण गर्मी से राहत मिलेगी प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं काले बादल छाए रहेंगे।भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, केरल में मानसून के आगमन में कुछ दिनों की देरी होने की संभावना है। अब इसके 1 जून तक आने की उम्मीद है। मौसम सेवा के अनुसार, केरल तट के 27 मई तक दक्षिण-पश्चिम मानसून से प्रभावित होने की उम्मीद है। इसे चार दिन आगे या पीछे ले जाया जा सकता है।
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IMD के महानिदेशक एम महापात्र ने कहा कि हमने अभी तक मानसून के आगमन के लिए कोई पूर्वानुमान नहीं दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हमने कहा था कि मानसून का आगमन 27 मई को +/- 4 दिन के त्रुटि मार्जिन के साथ होने की उम्मीद है। इधर ओडिशा में शुक्रवार को अधिकतम तापमान और आर्द्रता के स्तर में वृद्धि के बाद ओडिशा के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। राज्य में असहनीय गर्मी और उमस की स्थिति के लिए नॉरवेस्टर्स द्वारा शुरू की गई वर्षा गतिविधियों की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
गुजरात और राजस्थान में मानसून:
इस प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान, गुजरात क्षेत्र के साथ-साथ सौराष्ट्र और कच्छ दोनों ही बारिश की भारी कमी से पीड़ित हैं। गुजरात में 99 प्रतिशत की कमी है, जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में 97 प्रतिशत की कमी है। दूसरे शब्दों में, गुजरात में प्री-मानसून सीज़न के दौरान मौसम व्यावहारिक रूप से शुष्क रहा है। राजस्थान में, पूर्वी राजस्थान में कुछ अच्छी प्री-मानसून वर्षा हुई।
परिणामस्वरूप 32 प्रतिशत कम वर्षा के साथ यह अपर्याप्त वर्षा की श्रेणी में आता है। दूसरी ओर, पश्चिमी राजस्थान, केवल छिटपुट हल्की बारिश के साथ शुष्क बना रहा, और यह 71 प्रतिशत की कमी के साथ गंभीर रूप से बारिश की कमी है। राजस्थान का मौसम भी शुष्क रहेगा। हालांकि, राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों में अलग-अलग हीट वेव्स हो सकती हैं।
भुवनेश्वर में आईएमडी के क्षेत्रीय केंद्र ने आज भविष्यवाणी की है कि कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान और उमस की स्थिति में वृद्धि होगी। पूर्वानुमान के अनुसार, अगले तीन दिनों में राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है. साथ ही उमस के कारण तटीय जिलों के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
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आईएमडी के अनुसार मानसून जो पहले ही अंडमान द्वीप समूह तक पहुंच चुका है, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर में आगे बढ़ने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगर हवाएं स्थिरता और ताकत इकट्ठा करती हैं, तभी केरल में मानसून के आने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो पाएंगी। इस क्षेत्र में अभी तक अनुकूल परिस्थितियों के अमल में आने के कारण, मानसून की शुरुआत में और देरी हो सकती है। इस बीच आईएमडी ने 29 मई तक कई जिलों के लिए एक येलो अलर्ट जारी लिया है। हालांकि, इस दौरान अलग-अलग इलाकों में बारिश और गरज के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं।
इसके अलावा उड़ीसा में भी तापमान में वृद्धि देखी जा सकती है मौसम विभाग की मानें तो तापमान में दो से तीन फीसद की वृद्धि के साथ तापमान 44 डिग्री के पार पहुंच जाएगा। इसके अलावा झारखंड के हजारीबाग खूंटी पलामू में बारिश की संभावना भी जताई गई है तेज हवा चलने के आसार जताए गए हैं। जबकि पर्वतीय राज्यों की बात करें तो जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख सहित उत्तराखंड और हिमाचल में बर्फबारी की संभावना जताई गई है।
वहीं हरियाणा पंजाब में भी तापमान में वृद्धि रिकॉर्ड की जा सकती है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। राजस्थान के ऊपर पश्चिम और उत्तर पश्चिम से शुष्क हवाएँ चलती रहेंगी, जिससे तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होगी। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर, पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा दोलन जारी रखेगी। यह दक्षिण की ओर पलायन नहीं करेगा। परिणामस्वरूप नमी की कमी के कारण राजस्थान का मौसम शुष्क बना रहेगा।