व्यापार, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (Modi government) का बजट (Budget 2022-23) पेश हो चुका है। बजट पेश होने के साथ ही 1 अप्रैल से कई तरह के नियम में बदलाव देखने को मिलेंगे। दरअसल केंद्र सरकार 1 अप्रैल से परिवार घर खरीदने वाले को इनकम टैक्स अधिनियम (income tax act) की धारा 80EEA के तहत आयकर लाभ बंद करने की तैयारी में है। 1 अप्रैल से अब घर खरीदने वाले को आयकर अधिनियम की धारा 80EEA के तहत छूट नहीं दिया जाएगा।
इसी बीच अब बजट 2021-22 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (niramala sitharaman) द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत आयकर लाभ को 31 मार्च 2022 तक के लिए बढ़ाया गया है। इसी विषय से खरीदार जिन्होंने घर खरीदारी की है। वहीँ घर खरीददार 31 मार्च तक के लिए आयकर छूट का दावा कर सकते हैं। हालांकि 31 मार्च के बाद इस सुविधा को बंद कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने ऐलान कर दिया है।
बता दें कि 2019 को शुरू नियम के तहत अगर घर की संपत्ति का मूल्य 45 लाख से कम है तो घर खरीदार होम लोन का ब्याज का भुगतान करने के लिए डेढ़ लाख रुपए तक की छूट का दावा कर सकते हैं। हालांकि नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से केंद्र सरकार द्वारा होम लोन के ब्याज भुगतान के लिए आयकर छूट के दावे के लाभ को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इसकी घोषणा निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 में कर दी है। बजट 2022 में इस लाभ को नहीं बढ़ाया गया है। जिसके बाद घर खरीदारों को 1 अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स में लोगों ने किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
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हलाकि आप अगले वित्त वर्ष में भी धारा 80EEA के तहत कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए यदि कोई करदाता अगले वित्तीय वर्ष में घर खरीदने पर विचार कर रहा है तो भी वह इस आयकर प्रॉफिट का लाभ उठा सकता है। घर खरीदार को चालू वित्त वर्ष (31 मार्च 2022 से पहले) में अपने होम ऋण स्वीकृत कराने के बाद अगले वित्तीय वर्ष में घर खरीदने पर इसका लाभ मिल सकता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि धारा 80EEA के तहत कटौती का दावा करने के लिए, आपके पास ऋण की मंजूरी की तिथि पर कोई अन्य गृह संपत्ति नहीं होनी चाहिए। बता देंकि धारा 80EEA के तहत, भारत में पहली बार घर खरीदने वालों को आयकर पर अतिरिक्त कटौती का लाभ मिलता है। हालांकि 80EEA के लाभ तभी लागू होते हैं जब वे होम लोन की मदद से एक किफायती संपत्ति खरीदते हैं।
2014 में शुरू हुए अपने पहले कार्यकाल में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपना प्रमुख ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ कार्यक्रम शुरू किया। इसी उद्देश्य के साथ इसने केंद्र द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के माध्यम से घर खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शुरू करने की भी घोषणा की। किफायती घरों की खरीद पर अतिरिक्त कर लाभ की पेशकश के माध्यम से केंद्र के ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2019 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा धारा 80EEA की शुरुआत की गई थी।
2019 के बजट में लॉन्च किया गया, सेक्शन 80EEA पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज भुगतान के खिलाफ प्रति वर्ष अतिरिक्त 1.50 लाख रुपये बचाने में मदद करता है, अगर वे ‘किफायती संपत्ति’ खरीद रहे हैं। 80EEA कटौती धारा 24 (बी) के तहत अनुमत 2 लाख-कटौती सीमा से अधिक है। हालांकि, 80EEA कटौती घर की लागत से जुड़ी होती है और 45 लाख रुपये तक की आवास इकाइयों की खरीद पर बढ़ाई जाती है।
घर की वहनीयता भी संपत्ति के कालीन क्षेत्र द्वारा तय की जाती है। यदि कोई इकाई महानगरीय शहर में स्थित है, तो उसका कारपेट क्षेत्र 645 वर्ग फुट या 60 वर्ग मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, ताकि मालिक धारा 80EEA के तहत लाभ का दावा कर सके। किसी अन्य शहर में इकाइयों के लिए, कालीन क्षेत्र 968 वर्ग फुट या 90 वर्ग मीटर तक सीमित कर दिया गया है।
वहीँ धारा 80EEA के तहत 1.50 लाख रुपये तक की कटौती मिल सकती है। यह धारा 24 (B) के तहत ब्याज भुगतान पर 2 लाख रुपये की कटौती के अतिरिक्त है। पहली बार खरीदार के लिए, होम लोन ब्याज भुगतान के खिलाफ वार्षिक कर छूट इस प्रकार 3.50 लाख रुपये आती है।