भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021) के रूप में मनाया जाता है। भारत को 1947, August 15 में ब्रिटिश साम्राज्य के दमनकारी शासन से स्वतंत्रता मिली और ये तिथि हमारे स्वतंत्रता संग्राम की परिणति में ऐतहासिक हो गया है। इस साल स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ है। यह दिन पूरे देश में बहुत ही उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है, लोग हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के बलिदान को याद करने के लिए एक साथ आते हैं जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता को बधाई दी है। CM शिवराज ने कहा कि गर्व, शान और सम्मान का दिवस है। आज भारत का स्वतंत्रता दिवस है। कर्म और राष्ट्रीय सेवा की ज्योति जलाई जाए और इस पावन भूमि को विश्व में अग्रणी बनाया जाए। आज हर देशवासी के लिए यह दिन बेहद खास है।इसलिए स्वतंत्रता दिवस की सभी को हार्दिक बधाई।
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में गौरवशाली, वैभवशाली एवं सशक्त भारत का निर्माण हो रहा है।
आइये, हम सब अपनी मातृभूमि के प्रगतिपथ पर गतिमान रथ को #indiaIndependenceday के इस पवित्र अवसर पर गति बढ़ाने में योगदान दें। #IndiaAt75 #अमृतमहोत्सव
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) August 15, 2021
भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के महान उत्सव आजादी के #अमृतमहोत्सव पर हम सब देश की प्रगति एवं उन्नति में योगदान के लिए मिलकर साथ कदम बढ़ाएं।
इस ऐतिहासिक घड़ी में देश के लिए प्राणोत्सर्ग करने वाले के सपूतों के चरणों में सादर प्रणाम! #IndiaAt75 #indiaIndependenceday
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) August 15, 2021
CM शिवराज ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के महान उत्सव आजादी के अमृत उत्सव को सब देश की प्रगति और उन्नति में योगदान दें और मिलकर साथ कदम उठाएं। CM शिवराज ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में गौरवशाली व्यवसाई और सशक्त भारत का निर्माण हो रहा है। जिसकी प्रगति पथ पर गतिमान रथ को आगे बढ़ाने के लिए सभी के योगदान की आवश्यकता है। वहीं उन्होंने AAtmnirbhar bharat के सपने को साकार करते हुए Aatmnirbhar MP बनाने की अपील लोगों से की है।
गर्व,शान और सम्मान का दिवस है।
आज भारत का स्वतंत्रता दिवस है।
चलो,कर्म और राष्ट्र सेवा की ज्योत जलायें,
इस पावन भूमि को विश्व में अग्रणी बनायें।
हर देशवासी के लिए आज का दिन खास है।
हर हृदय में स्वतंत्रता की अनुभूति का अप्रतिम उल्लास है।#indiaIndependenceday की आपको हार्दिक बधाई!— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) August 15, 2021
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के #AatmaNirbharBharat के सपनों को साकार करने के लिए हम सब 'Aatma Nirbhar MP' बनाएं।#AatmaNirbharMP के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैं संकल्पित हूं। आप भी इस ध्येय की प्राप्ति और नये भारत के निर्माण में सहभागी बनिये। #indiaIndependenceday
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) August 15, 2021
गौरवपूर्ण इतिहास
भारत की आज़ादी इतनी सरल नहीं थी। इसके लिए भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने कई ऐसे आंदोलन शुरू किए, जिन्होंने 90 साल बाद किसी न किसी तरह से गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में मदद की। 1857 के विद्रोह से लेकर सिपाहियों के विद्रोह तक, ऐसे कई आंदोलन थे जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख मानदंड थे। हम इस स्वतंत्रता का श्रेय अपने वीर स्वतंत्रता सेनानियों को देते हैं, जिन्होंने एक बार भी अपनी जान देने में संकोच नहीं किया, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां भारत की खुली हवा में सांस ले सकें।
15 अगस्त का महत्व
4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय स्वतंत्रता विधेयक पेश किया गया और 15 दिनों के भीतर पारित कर दिया गया। 15 अगस्त, 1947 को, भारत पर ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया और इतिहास को चिह्नित किया गया। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार दिल्ली के लाल किले से तिरंगा फहराया। इसके बाद, हर साल स्वतंत्रता दिवस पर, लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, जिसके बाद प्रधान मंत्री राष्ट्र के नाम एक संबोधन करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
अंग्रेजों ने 1757 से शुरू होकर लगभग दो शताब्दियों तक भारत पर शासन किया था। ब्रिटिश साम्राज्य ने पहली बार 1619 में सूरत, गुजरात में ईस्ट इंडिया कंपनी नामक अपनी व्यापारिक कंपनी के माध्यम से भारत में पैर रखा था। उनका शासन दमनकारी हो गया और विद्रोह के बीज बोए गए। भारतीयों के मन में महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह जैसे नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने पूरे देश में जोश भरे और स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की।
भारतीय स्व-शासन आंदोलन एक जन-आधारित आंदोलन था। जिसमें समाज के विभिन्न वर्ग शामिल थे। यह निरंतर वैचारिक विकास की प्रक्रिया से भी गुजरा। एक बार जब भारतीयों ने ब्रिटिश राज से मुक्त होने का फैसला किया, तो फिरंगियों के पास देश छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हालांकि, यह आसान नहीं था। लॉर्ड माउंटबेटन को ब्रिटिश संसद द्वारा 30 जून, 1948 तक सत्ता हस्तांतरण का जनादेश दिया गया था।