कोलकाता, डेस्क रिपोर्ट। भारत का पहला अंडर वाटर मेट्रो टनल (first underwater metro tunnel) 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही भारत विकसित (developed) होने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा लेगा। बता दे अंडरवाटर मेट्रो टनल के 80 फीसद काम को पूरा कर लिया गया है। यह टनल पानी के अंदर सुरंग से होता हुआ कोलकाता को हावड़ा से जोड़ेगा। जानकारों की माने तो 2023 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (KMRCL) कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो लाइन (East-West Metro Line) का निर्माण कर रहा है।
यह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना 16.6 किमी लंबी और 520 मीटर नदी के तल के नीचे होगी। टनल कॉरिडोर नदी के तल से 33 मीटर नीचे बनाया गया है यह एक पानी के नीचे की सुरंग है जो हुगली नदी के नीचे चलेगी। पहला अंडर वाटर मेट्रो टनल परियोजना की सुविधाओं और सुरक्षा उपायों के बारे में चर्चा करते हुए साइट पर्यवेक्षक, मिथुन घोष ने कहा कि आपात स्थिति में यात्रियों को निकालने के लिए सुरंगों में पैदल मार्ग होंगे।
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मिथुन घोष ने बताया कि महत्वपूर्ण पैसेज का काम भी इस इरादे से पूरा किया गया है कि अगर वाटर टनल एरिया के अंदर कोई तकनीकी समस्या आती है तो यात्रियों को स्पेशल पैसेज से बाहर निकाला जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि ईस्ट-वेस्ट हावड़ा मेट्रो स्टेशन पर लगभग 80% काम पूरा हो चुका है और यह पूर्ण सेवा 2023 में शुरू होने की उम्मीद है।
घोष ने आगे कहा कि स्टेशन हुगली नदी के नीचे 33 मीटर की गहराई पर बनाया जा रहा है। अस्सी प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, शेष बीस प्रतिशत अधूरा है। यह 2023 तक चालू हो जाएगा। पहले यह बताया गया था कि कोलकाता मेट्रो ईस्ट-वेस्ट लाइन हावड़ा मेट्रो स्टेशन और महाकरण मेट्रो स्टेशन को जोड़ेगी। इन दोनों मेट्रो स्टेशनों के बीच यात्रा करने वाले यात्री लगभग एक मिनट भूमिगत रहेंगे।
खासियत
- ईस्ट-वेस्ट मेट्रो टनल की लंबाई 10.8 किमी है
- मेट्रो टनल की चौड़ाई 5.5 मीटर है।
- हुगली नदी के नीचे एक सुरंग के माध्यम से पटरियों का निर्माण किया गया है
- पटरियां 520 मीटर लंबा हिस्सा जाएगा।
- टनल कॉरिडोर नदी के तल से 33 मीटर नीचे स्थित है