लाड़ली बहना योजना: करोड़ों बहनों के लिए खुशखबरी, बढ़ेगी राशि, दिवाली बाद हर महीने मिलेंगे 1500 रुपए, जानें कब जारी होगी 26वीं किस्त?

राज्य सरकार द्वारा लाड़ली बहना योजना के तहत रक्षाबंधन से पहले सभी पात्र बहनों को 250 रुपए की अतिरिक्त राशि शगुन के रूप में भेजी जाएगी।इसके साथ ही 26वीं किस्त के 1250 रुपए भी जारी किए जाएंगे।

Ladli Behna Yojana 2025 :मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही योजना की 26वीं किस्त जारी की जाएगी। खास बात ये है कि इस बार किस्त के साथ बहनों को रक्षाबंधन का तोहफा भी मिलेगा । मोहन सरकार की घोषणा के अनुरूप योजना की तय राशि 1250 के अलावा बहनों के खाते में शगुन के तौर पर 250 रुपए अतिरिक्त भेजे जाएंगे। दिवाली बाद हर माह 1500 रुपए मिलेंगे।

दरअसल, वर्तमान में योजना के तहत 1250 प्रति माह लाड़ली बहनों को मिल रहा है। योजना के तहत इस महीने प्रदेश की सभी लाड़ली बहनों को राखी मनाने के लिए 1250 के साथ 250 रु अतिरिक्त बैंक खाते में भेजे जाएंगे, इस तरह बहनों के खाते में कुल 1500 रू मिलेंगे, क्योंकि रक्षा बंधन 9 अगस्त को है। संभावना है कि 10 से 15 जुलाई के बीच कभी भी मोहन सरकार योजना की किस्त जारी कर सकती है।वही दिवाली के बाद भाई दूज से योजना की राशि में 250 रु का इजाफा किया जाएगा और हर माह 1250 की जगह 1500 रुपए मिलेंगे।

दिवाली बाद बहनों को हर माह मिलेंगे 1500, रक्षाबंधन पर 250 का शगुन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि  रक्षाबंधन से पहले सभी पात्र बहनों को 250 रुपए की अतिरिक्त राशि शगुन के रूप में भेजी जाएगी। दीपावली के बाद हम प्रदेश की सभी लाडली बहनों को हर माह 1500 रुपए महीना देंगे। बहन-बेटियों के हाथ में पैसा रहे तो घर ठीक से चलता है।अभी वर्तमान में योजना के तहत 1250 रूपये प्रति माह की राशि लाड़ली बहनों को दी जा रही है।योजना के तहत चरणबद्ध रूप से राशि बढ़ाकर तीन हजार रूपये प्रति माह तक की जायेगी।

अभी लाड़ली बहनों को मिलते है हर माह 1250 रुपए

  • लाड़ली बहना योजना पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा मई 2023 में शुरू की गई थी।
  • लाड़ली बहना योजना का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।
  • इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को 1000 रुपए देने का फैसला किया गया था और फिर इसकी पहली किस्त 10 जून को जारी की गई थी।
  • इसके बाद रक्षाबंधन 2023 पर राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए कर दिया गया था।
    अब इस योजना के तहत 1250 रुपए महीना के हिसाब से महिलाओं को सालाना 15,000 रुपये मिलते हैं।
  • लाड़ली बहनों को जून 2023 से जून 2025 तक मासिक आर्थिक सहायता राशि की कुल 25 किश्तों का अंतरण किया गया है।प्रदेश की लाड़ली बहनों को अब तक 28 हजार करोड़ से अधिक का लाभ मिल चुका है।
  • इसके अतिरिक्त माह अगस्त 2023 एवं 2024 में (कुल 2 बार) लाभार्थी महिलाओं को 250 रुपये की राशि की विशेष आर्थिक सहायता का भी अंतरण किया गया।

जानिए लाड़ली बहना योजना के लिए आयु/पात्रता/नियम

  • इस योजना में 1 जनवरी 1963 के बाद लेकिन 1 जनवरी 2000 तक जन्मी मध्यप्रदेश की स्थानीय निवासी समस्त विवाहित महिलाएं (विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता समेत) वर्ष 2023 में आवेदन के लिए पात्र मानी जाती है।
  • यदि कोई महिला 60 वर्ष से कम उम्र की है और किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पहले से ही प्रति माह 1250 रुपये से कम प्राप्त कर रही है, तो उस महिला को भी 1250 रुपये तक की राशि दी जाएगी।
  • विवाहित महिलाओं में विधवा, और तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं। जिस साल आवेदन किया जाए, उस साल 1 जनवरी को आवेदक की उम्र 21 वर्ष पूरी हो चुकी होनी चाहिए और अधिकतम उम्र 60 वर्ष से कम होनी चाहिए।
  • महिलाएं, खुद या उनके परिवार में कोई टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए ।परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये होना चाहिए।जिनके या उनके परिवार के कोई सदस्य इनकम टैक्स देते हैं।
  • जिनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में है (स्थायी, संविदा या पेंशन पाने वाला)।अगर संयुक्त परिवार है तो 5 एकड़ से ज्यादा जमीन न हो, परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी न करता हो।घर पर ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो।
  • जो खुद किसी और सरकारी योजना से हर महीने 1250 रुपये या उससे ज्यादा की राशि पा रही हैंजिनके परिवार में कोई वर्तमान या पूर्व सांसद या विधायक हो।जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी बोर्ड, निगम, मण्डल आदि का अध्यक्ष, संचालक या सदस्य हो।
  • जिनके परिवार में कोई स्थानीय निकाय का चुना हुआ जनप्रतिनिधि हो (पंच और उपसरपंच को छोड़कर)।जिनके परिवार के पास कुल 5 एकड़ से ज्यादा खेती की जमीन हो।जिनके परिवार के नाम पर कोई चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर) रजिस्टर्ड हो।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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