भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। वैसे वैसे ही कर्मचारियों (Employees)-Teachers की मांग भी बढ़ती जा रही है। दरअसल अब 24 सेवा साल के शिक्षक कर्मियों द्वारा क्रमोन्नति (promotion) का लाभ देने की मांग की गई है। मामले में वर्ष 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ नहीं देने के लिए अधिकारियों की मनमानी को निशाना बनाया गया है। हालांकि इससे पहले शिवराज सरकार द्वारा लाखों शिक्षकों को पदोन्नति और क्रमोन्नति का लाभ देने की तैयारी शुरू की गई है। शिक्षकों की वरिष्ठता सूची (Teachers seniority list) जारी कर दी गई है।
वही अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के प्रकाशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसी वरिष्ठता सूची के आधार पर शिक्षकों को क्रमोन्नति और पदोन्नति का लाभ दिया जाएगा। जबकि मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के शिक्षक अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांत अध्यक्ष मुकेश सिंह ने विज्ञप्ति जारी की है। जिसमें शिक्षाकर्मी योजना के तहत 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग के 24 वर्ष पूरे हो चुके हैं, उन्हें योजना के तहत वित्तीय क्रमोन्नति का लाभ देने की मांग की गई है।
बता दें कि इन कर्मचारियों को पहली क्रमोन्नति का लाभ दिया जा चुका है। दूसरी क्रमोन्नति की पात्रता बनने के बावजूद 24 साल पूरी करने के बाद भी आज तक क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिए जाने पर शासकीय कर्मचारी संघ ने योजना का लाभ देने की मांग की है। 24 वर्ष पूरे होने के बावजूद शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने संबंधित प्रस्ताव संकुल प्राचार्य से नहीं मांगे गए हैं। जिसके बाद लग रहा है कि शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नति योजना के लाभ से वंचित रखा जा सकता है।
वही कर्मचारी संघ का कहना है कि शासन द्वारा अध्यापकों की सूची प्रवृत्ति पर कोई रोक नहीं लगाई गई है लेकिन अधिकारियों की मनमानी के चलते अध्यापक द्वितीय क्रमोन्नति के लाभ से आज भी वंचित हैं। उन्हें क्रमोन्नति का लाभ दिया जाना चाहिए। शिक्षकों की पदोन्नति और क्रमोन्नति से संबंधित कुछ मामले हाई कोर्ट में लंबित है। जिसकी सुनवाई तय समय पर होगी। फिर भी शासन द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है। अगस्त के अंतिम सप्ताह तक प्रमोशन की प्रक्रिया के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। वरिष्ठता सूची का प्रकाशन शुरू किया गया है। इसके लिए नीति और नियम भी तय किए गए हैं। CR सियार रिपोर्ट और अन्य गोपनीय जानकारी की मांग की गई है। इसके साथ ही शिक्षक संवर्ग की वरिष्ठता सूची के आधार पर उन्हें क्रमोन्नति सहित पदोन्नति का लाभ उपलब्ध कराया जा सकेगा।