नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। मंगलवार को पीएफआई (PFI) से जुड़े स्थानों पर NIA टीमों द्वारा दिल्ली कर्नाटक मध्य प्रदेश गुजरात असम मेघालय यूपी में बड़ी कार्रवाई की गई। पुलिस छापेमारी में ढाई सौ से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने (MHA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध (PFI Ban) लगा दिया है। संगठन और उसके सभी सहयोगी को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम UAPA के तहत गैर कानूनी एसोसिएशन घोषित किया गया है।
आधिकारिक आदेश के मुताबिक प्रतिबंध 5 साल की अवधि के लिए लगाया गया है। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए पीएफआई और उसके सहयोगी सहित अन्य संस्थानों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया जाता है। अधिनियम की धारा 3 के उप धारा 3 के प्रोविजन के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा निर्देश दिए गए हैं और जारी अधिसूचना में धारा 4 के तहत नियम जारी किए गए हैं। राजपत्र में प्रकाशन करने की तारीख से इसे 5 साल की अवधि के लिए बैन कर दिया जाएगा।
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केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगियों या रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO) सहित नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को “गैरकानूनी संघ” के रूप में घोषित किया है।
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस द्वारा मुंबई और राज्य के अन्य जिले में छापामार कार्रवाई की गई थी जिसमें पीएफआई और उसके राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक ऑफ इंडिया के 32 सदस्यों को टेरर फंडिंग के संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया गया था वहीं इस मामले में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि पीएफआई पर कार्रवाई कानून के अनुसार उनकी गतिविधि और सबूतों की जांच के आधार पर की गई है।