Mid-Day-Meal: 56 लाख बच्चों के खाते में नहीं आई राशि, कमलनाथ की सीएम शिवराज से बड़ी मांग

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना (corona) की दूसरी लहर (second wave) अब थम गई है। बावजूद इसके स्कूलों को नहीं खोला गया है। स्कूलों को ना खोलने के पीछे राज्य सरकार आगामी तीसरी लहर की संभावना को बड़ा कारण बता रही है। वही 1 जुलाई तक स्कूल नहीं खुलने के फैसले के बीच मिड-डे-मील (Mid-Day-Meal) एक चिंता का कारण बना हुआ है। जानकारी की माने तो प्रदेश के 56 लाख से अधिक बच्चों को स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे-मील की राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसका इंतजार बच्चे लंबे समय से कर रहे हैं। अब इस मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath) ने सख्त रुख अख्तियार किया है।

दरअसल शिवराज सरकार (shivraj government) द्वारा corona की पहली लहर में प्रदेश के 56 लाख 80 हज़ार बच्चों को मिड-डे-मील का लाभ दिया गया था। जहां उनके खाते में खाद्य सुरक्षा भत्ता के अंतर्गत 137 करोड रुपए की रकम डाली गई थी। वही Corona की दूसरी लहर के बीच प्रदेश के इन्हीं बच्चों के खाते में 138 करोड रुपए की राशि नहीं डाली गई है। अब इस विषय पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में स्कूली बच्चों को मिड डे मील योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 56 लाख बच्चों के खाते में खाना पकाने के लिए 138 करोड़ रुपए भी अब तक नहीं डाले गए हैं।

इतना ही नहीं कमलनाथ ने कहा कि लगता है सरकार बच्चों के रोज के भोजन को भी आपदा में कोई उत्सव मनाकर ही देगी। बच्चों के दैनिक भोजन के मामले में इस तरह की ढिलाई गंभीर हालात पैदा कर रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मिड डे मील योजना का लाभ और राशि बच्चों को तत्काल प्रभाव से दी जाए।

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इस मामले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के राज्य समन्वयक दिलीप कुमार का कहना है कि मिड डे मील में स्कूली बच्चों के खाते में खाद्य सुरक्षा भत्ते की राशि डालने का फैसला मुख्यमंत्री को करना होता है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी राशि दी जाएगी। लेकिन अभी राशि डालने को लेकर कोई आदेश स्वीकृत नहीं किया गया है।

हालांकि राज्य सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को सूखा राशन घरों पर देने का फैसला किया गया था। जिसके लिए 65 लाख स्कूली बच्चों के हिसाब से 285 करोड़ रूपए बजट जारी किए गए थे। वही दाल, तेल, चिक्की के पैकेट बांटे गए थे लेकिन विवाद की स्थिति होने पर इसे अधूरे में ही रोक दिया गया था। अब इसकी जांच कराई जा रही है।

बता दें कि मिड डे मील में केंद्र सरकार द्वारा मई 2021 में मध्य प्रदेश समेत देश के सभी राज्यों को 1200 करोड़ रुपए अतिरिक्त रूप से देने की घोषणा की गई थी। जिसके तहत एक से आठवीं तक के पढ़ने वाले 11 लाख स्कूलों के 11 करोड़ बच्चों को इसका फायदा मिलना था। वहीं केंद्र सरकार द्वारा दूसरे राज्य में बैंक खाते में राशि डालने की शुरुआत की जा चुकी है लेकिन मध्यप्रदेश में इसको लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार द्वारा मिड डे मील में बच्चों को राशन नहीं पहुंचने और गड़बड़ी की शिकायत के बाद डीबीटी के तहत राशि देना तय किया गया था।


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