भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में किसानों (MP farmers) के हित में बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) लगातार किसानों की परेशानी को दूर करने की कोशिश में लगे हुए हैं इसी बीच आज मंत्रालय में कृषि विभाग (agriculture department) के अधिकारियों के साथ कृषि मंत्री कमल पटेल (kamal patel) ने समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान कृषि मंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में डीएपी (DAP), खाद और उर्वरक की नियमित रूप से समीक्षा करें और किसानों की तरफ से आने वाली मांग को तुरंत पूरा किया जाए।
इतना ही नहीं कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सूचना स्थानीय स्तर पर अधिकारी और लोकल मीडिया के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई जाए, इस बात का ध्यान रखा जाए। बीते दिनों तकनीकी दिक्कत की वजह से किसानों को मूंग-उड़द खरीदी (moong urad) के दौरान पोर्टल बंद होने की समस्या का सामना करना पड़ा था। जिसके कारण मूंग उड़द खरीदी के लिए कई किसानों को मैसेज भेजे गए थे। इस मामले में किसी मंत्री कमल पटेल का कहना है कि तकनीकी दिक्कतों को ठीक कर लिया गया है अब किसानों को दोबारा से मैसेज भेजा जाएगा।
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ज्ञात हो कि इससे पहले मध्य प्रदेश में 3 जिलों में क्लाइमेट स्मार्ट विलेज की तैयारी शुरू कर दी गई है। दरअसल इन 3 जिलों के 360 गांव 60,000 से अधिक किसान अब जलवायु आधारित खेती करेंगे। यह व्यवस्था राजगढ़, सीहोर और सतना जिले में शुरू की जा रही है। कृषि विभाग का कहना है कि जलवायु आधारित खेती करने से प्रदेश में ग्रीनहाउस गैस का प्रभाव कम किया जाएगा।
वही Pilot Project के रूप में अन्य जिले में भी इसे शामिल किया जाना है लेकिन फिलहाल मध्य प्रदेश के 3 जिले के 360 गांव में इसे शुरू किया जा रहा है। वही 30 साल के जलवायु आंकड़ों का आकलन करने के बाद कृषि विभाग द्वारा यह फैसला लिया गया है।
रैक की सूचना स्थानीय स्तर पर अधिकारियों एवं लोकल मीडिया के माध्यम से किसानों तक पहुंचे इस बात का ध्यान रखें।
विगत सप्ताह मूंग, उड़द खरीदी के दौरान पोर्टल बंद होने पर जिन किसानों को मैसेज पहुंच गए थे उन्हें पुनः मैसेज किए जाएं।
— Kamal Patel (मोदी का परिवार) (@KamalPatelBJP) August 5, 2021