भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। बड़ी कार्रवाई श्योपुर (Sheopur) जिले में की गई है। जहां कलेक्टर शिवम वर्मा (Collector Shivam verma) के निर्देश पर एसडीएम लोकेश सरल ने प्राचार्य सहित 2 शिक्षकों को निलंबित (suspend) करने के आदेश जारी किए। इसके अलावा 5 शिक्षकों की 2 वेतन वृद्धि (increment) भी रोकी जाएगी। इसके लिए कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी किया गया है।
जानकारी के मुताबिक कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर एसडीएम ने आंगनवाड़ी स्कूल और उचित मूल्य की दुकान से छात्रावास का भ्रमण किया। इस दौरान स्कूल में प्राचार्य के अनुपस्थित पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में एसडीएम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहिला और शासकीय प्राथमिक विद्यालय झिरन्या में प्राथमिक शिक्षक सभी राम जाटव और रामेश्वर मीणा स्कूल में अनुपस्थित पाए गए थे।
जिसके बाद उन पर निलंबन की कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा शासकीय प्राथमिक विद्यालय पहला के 5 शिक्षकों पर स्कूल में अनुपस्थित पाए जाने के कारण दो दो वेतन वृद्धि रोकने के कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रामदुलारी भारद्वाज के केंद्र पर उपस्थित न होने के कारण उन्हें पद से पृथक कर दिया गया है और इनके जगह पर सुपरवाइजर ज्योति शर्मा को प्रभार सौंपा गया है।
सरकार का MP शिक्षकों को बड़ा तोहफा, मिली नियुक्ति, आदेश जारी
वहीं एक अन्य कार्यवाही दतिया जिले में की गई है। दरअसल एक आरोपी को न्यायालय के आदेश पर दतिया जिले के पुलिस कर्मी द्वारा इंदौर इंदौर जेल में दाखिल करने के लिए ले जाया जा रहा था। जिसके बाद रात करीब 3:15 बजे आरोपी रेलवे स्टेशन के समीप चलती हुई ट्रेन से हथकड़ी सहित कूद कर भाग गया। इसके बाद इस मामले में पुलिस कर्मी द्वारा सहारनपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस मामले में दतिया एसपी द्वारा दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा एक अन्य कार्रवाई जबलपुर में की गई है। जहां जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा 161 शिक्षकों को नोटिस भेजा गया है। वही नोटिस भेजने के बाद ही उन पर बड़ी कार्रवाई की गई है। दरअसल 161 शिक्षकों के वेतन काटे गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि जिन शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगी थी। उन्हें अनुपस्थित बताकर उनके 1 दिन के वेतन काटने के आदेश जारी किए गए हैं। जबकि स्कूल प्राचार्य द्वारा उनकी उपस्थिति की पुष्टि की गई है। शिक्षकों का कहना है कि 10 मार्च को 161 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
जिसके शिक्षकों ने नोटिस का जवाब भी दिया था लेकिन 17 मार्च को शिक्षकों को 1 दिन का वेतन काटने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं। 161 में से 15 से 20 शिक्षकों की ड्यूटी लगी हुई थी। जब भी कुछ अवकाश पर थे ऐसे में निरीक्षण टीम की रिपोर्ट पर भी नोटिस जारी कर उसकी वेतन काटने के निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं अब इस मामले में शिक्षकों के रुख के बाद अभी मामला जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंच गया। जिसके बाद इस पूरी कार्रवाई को जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर तय किया जाएगा।
वही मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के घनश्याम सोनी का कहना है कि स्कूल का निरीक्षण कराया गया था। जिसने शिक्षक उपस्थित नहीं मिले ऐसे शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद पंचायत सीईओ के निर्देश पर ही 1 दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गई है।