MP : केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद विभाग की बड़ी तैयारी, इन जिलों को राशि आवंटित, मिलेगा आर्थिक लाभ

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में वन विभाग (Forest Department) ने बड़ी तैयारी की है। दरअसल प्रदेश में व्यापक स्तर पर चंदन की खेती (sandalwood cultivation) की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है। विभाग ने चार जिलों में 200 हेक्टेयर भूमि भी चिन्हित कर ली है। वहीं चंदन के पौधे रोपे जाने से लेकर इसकी खेती को लेकर पहले चरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।

बता दे मध्य प्रदेश के 4 जिलों में चंदन की खेती के लिए कार्ययोजना तैयार की गई थी। जिसके लिए केंद्र सरकार को विभाग ने प्रस्ताव भेजा था। वही प्रस्ताव की मंजूरी मिलने के साथ ही अब विभाग ने ₹1 लाख रूपए हेक्टेयर की दर से सभी जिलों को राशि आवंटित कर दी है।

इस राशि से जिले में पौधारोपण किया जाएगा। वहीं राशि की जरूरत पड़ती है तो विभाग द्वारा जिलों को राशि उपलब्ध कराई जाएगी। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा प्रदेश में चंदन की खेती को बढ़ावा देने की अपील की गई थी। जिस पर अब राज्य सरकार द्वारा कार्य शुरू किया गया।

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मामले में मध्य प्रदेश प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील अग्रवाल का कहना है कि चंदन और गुग्गल की खेती की कार्य योजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इसके लिए जिले के अधिकारियों को निर्देश देते हुए राशि का आवंटन कर दिया गया है। भूमि चयन की प्रक्रिया को पूरा कर दिया गया है। जल्द ही कार्य शैली शुरू की जाएगी।

चंदन की खेती के लिए सागर, उज्जैन के अलावा नीमच और सिवनी में भूमि चिन्हित किए गए है।  इनमें से सागर जिले में पहले से चंदन उगाया जा रहा है। विभाग के अधिकारी की मानें तो प्रदेश में आमतौर पर लाल चंदन तैयार होते हैं। जिस को प्राथमिकता से इसमें शामिल किया गया। इसके अलावा अन्य प्रजाति के पौधे को भी प्रयोग में लाया जाएगा। इसे उगाने में सफलता मिलती है तो इसकी व्यापक स्तर पर खेती की जाएगी।

इसके अलावा मुरैना में गुग्गल की खेती के लिए भी भूमि का चयन किया गया। बता दें कि बाजार में गुग्गल की काफी मांग है। जिसके बाद शिवपुर, ग्वालियर, मुरैना और भीड़ में इसके अनुकूल भूमि देखते हुए इसके लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। पौधे रोपे जाएंगे और ₹30 प्रति पौधे की दर से 10000 पौधे भी खरीदे जाएंगे। बाजार में गुग्गल की मांग को देखते हुए यह कार्य योजना तैयार की गई है।


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