भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने एक बार फिर से MP के लिए बड़ा फैसला लिया। दरअसल प्रदेश में पानी की समस्या (water problem) को बदलने और पानी सहेजने के लिए बड़ा फैसला लिया गया। इसके लिए तालाब से जुड़े सारे कार्य को प्राथमिकता देने के साथ सरोवर प्राधिकरण (lake authority) बनाए जाएंगे। इसकी मॉनिटरिंग (monitoring) भी की जाएगी। नए तालाब बनने से लेकर तालाब की मरम्मत तक के सारे काम सरोवर प्राधिकरण के तहत होंगे।
जानकारी देते हुए महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि सरोवर प्राधिकरण ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत काम करेगा। इसके गठन से जुड़ी समस्याएं और प्रक्रियाओं के नियम बनने के बाद इसके लिए प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। इसमें पस्ता बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश में बाकी निर्माण और मॉनिटरिंग एजेंसी जिस तरह काम करती है। वैसे ही सरोवर प्राधिकरण का कार्य पूरा होगा।
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इसके निरीक्षण के लिए आईएएस को एमडी बनाया जाएगा। साथ ही राजनीतिक नियुक्ति को लेकर अस्पष्टता जाहिर करते हुए मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि इसमें किसी भी तरह की राजनीतिक नियुक्ति नहीं होगी। सरोवर प्राधिकरण के जरिए अमृत सरोवर योजना से जुड़े काम करवाए जाएंगे। वहीं यह काम मनरेगा के तहत आयोजित किए जाएंगे। तालाब की गुणवत्ता पर भी नजर बनाए रखने के अलावा इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
इसके अलावा अमृत सरोवर योजना को राज्य सरकार ड्राइव करेगी साथ ही काम की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी भी सरोवर प्राधिकरण की होगी। मध्यप्रदेश में सरोवर प्राधिकरण के तहत प्रत्येक जिले में सरोवर बनाने का फैसला लिया गया। 52 जिले में 2 से 3 साल के भीतर 5200 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य भी रखा गया। जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। साथ ही इन तालाब में पानी के भंडारण और जल स्तर उठाने के काम किए जाएंगे। इतना ही नहीं मत्स्य पालन कराने के अलावा पशुओं को पानी पीने की समस्या खत्म हो। इसके लिए भी कार्य शैली अपनाई जाएगी।
राज्य शासन ने इस योजना को पूर्ण करने में 1 जिले में लगभग ₹4 लाख रूपए के खर्च का लक्ष्य रखा है। एक तालाब पर केवल चार लाख का खर्च आएगा। जिसके लिए गांव में जनभागीदारी से भी राशि एकत्रित की जाएगी। वही इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए 52 जिले में 2 से 3 साल के भीतर 5200 तालाबों का निर्माण करवाया जाएगा। जिससे पानी को सहेजने की व्यवस्था रहेगी।