जारी पत्र क्रमांक 2632 के तहत सभी स्कूलों के प्राचार्य को माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सूचित किया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2022 23 की परीक्षा के लिए नियमित-स्वाध्याय छात्रों के लिए परीक्षा आवेदन पत्र की तिथियां निर्धारित की गई थी। जिसमें महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। अब छात्र ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया को 4 दिसंबर तक पूरा कर सकेंगे।
10वीं 12वीं के छात्र ऑनलाइन फॉर्म भरने और शुल्क जमा के अतिरिक्त 2000 रूपए अतिरिक्त शुल्क के साथ 4 दिसंबर 2022 तक आवेदन कर सकेंगे। छात्रों को बड़ी राहत देते हुए आवेदन पत्र भरने की तारीखों को बढ़ा दिया गया है।
1 मार्च से शुरू होगी परीक्षा
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षा 15 फरवरी की जगह 1 मार्च से शुरू होगी। बैठक में यह फैसला लिया गया है। परीक्षा में 18 लाख से अधिक छात्रों के शामिल होने की संभावना जताई गई है।
11 से ज्यादा स्कूल ने नहीं जमा की फीस
मध्य प्रदेश में 11 से ज्यादा निजी और शासकीय स्कूल के बच्चों के बोर्ड परीक्षा फॉर्म न भरे जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। सचिव श्रीकांत भनोट ने आश्वासन दिया है कि जिन बच्चों के परीक्षा फॉर्म नहीं भरे गए हैं। उन्हें परीक्षा देने से नहीं रोका जाएगा बैठक में बीच का रास्ता निकाला जाएगा। साथ ही लापरवाही करने वाले स्कूल संचालक और प्राचार्य पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से अल्टीमेटम के बाद 11 स्कूल में से कुछ स्कूलों द्वारा बच्चों के परीक्षा फॉर्म और फीस जमा कर दी गई है जबकि 582 बच्चे अभी भी हैं जिनकी परीक्षा फीस जमा नहीं की गई है।
आवेदन के लिए अतिरिक्त फीस
बता दे कि 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी 30 सितंबर के बाद जमा करने पर 100 रूपये के रूप में दिए जाने थे। 20 नवंबर तक परीक्षा फॉर्म जमा नहीं किए जाने की स्थिति में फीस 2000 रूपए लगने हैं। अब तक के स्कूल द्वारा बच्चों की फीस जमा नहीं की जा सकी है।
इन स्कूलों पर कार्रवाई
जिस पर मामला तूल पकड़ने के बाद ही प्यारे स्कूल में से प्रति छात्र 5729 रूपए फीस लेने का आदेश दिया गया था। स्कूलों को 11 करोड़ से अधिक का भुगतान करना था। जिसमें से कुछ स्कूलों द्वारा अपने हिस्से की धनराशि जमा कर दी गई है। 500 से अधिक बच्चे ऐसे हैं, जिनकी बोर्ड परीक्षा फीस अभी भी जमा नहीं की जा सकती है। जबकि माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि किसी भी बच्चे को परीक्षा देने से नहीं रोका जाएगा।