भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। छात्रों की बोर्ड परीक्षा को लेकर अब बड़ी अपडेट सामने आई है। दरअसल मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder singh parmar) ने कहा है कि कक्षा MP Board 5वी और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं इसी साल आयोजित की जाएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। हालांकि पहले चर्चा थी कि MP Board कक्षा 5वी और 8वीं की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षा नहीं हो पाएगी। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उनके रिजल्ट तैयार किए जाएंगे।
अब इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा दावा किया है। दरअसल भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में बोर्ड रिफॉर्म एवं असेसमेंट विषय पर दो दिवसीय सेमिनार आयोजित की गई। जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि इस सत्र में MP Board पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं ली जाएगी। जिसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा चुकी है।
इतना ही नहीं इंदर सिंह परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में 53 विश्वस्तरीय स्कूल तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 350 सीएम राइज स्कूलों (CM Rise school) की स्थापना भी की जा रही है। परमार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन के लिए भाषा के महत्व पर जोर देना अनिवार्य है। इसलिए मातृभाषा में अध्ययन अध्यापन के बाद भी व्यापक स्तर पर रखी जाएगी।
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राज्य शिक्षा केंद्र तथा अधिकारियों द्वारा भी दावा किया गया था कि पिछले साल की तरह इस साल भी एमपी बोर्ड पांचवी और आठवीं के बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं किए जाएंगे। वही आंतरिक अंगों के मूल्यांकन के आधार पर उनका रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा MP Board पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कराने की तैयारी की गई है। इसके लिए कुछ विषयों की परीक्षा आयोजित की गई थी लेकिन अन्य विषयों की परीक्षा को कोरोना संक्रमण को देखते हुए निरस्त कर दिया गया था और छात्रों को जनरल प्रमोशन भी दे दिया गया था। वहीं पिछले साल छात्रों के घर वर्कशीट भेज कर उनका वार्षिक मूल्यांकन किया गया था।
मंत्री परमार ने कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से मध्यप्रदेश समग्र मूल्यांकन और असेसमेंट के विचार राष्ट्र को दे सकेगा। परमार ने सेमिनार में जुड़े विषय-विशेषज्ञों को साधुवाद दिया और आयोजन से जुड़े विभागीय सहयोगियों की सराहना भी की। मंत्री परमार ने कहा कि विभाग के कुछ लोगों के साथ बैठकर चर्चा कर भी नीति बना सकते थे, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चिंतन-मनन कर आम लोगों, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं सामाजिक लोगों की सहभागिता और सुझाव लेना इस राष्ट्रीय सेमिनार का उद्देश्य है।
मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्र पुनर्निर्माण का लक्ष्य सामाजिक सुझाव और सहभागिता से ही स्थापित किया जा सकता है। परमार ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र पुनर्निर्माण के लिए अहम अंग है और उसका कोई विकल्प नहीं है। शिक्षक ही व्यक्तित्व निर्माण कर सकता है। उन्होंने कहा कि मंथन प्रक्रिया बच्चों के स्वाभाविक आंकलन के लिए महत्वपूर्ण है। परमार ने कहा कि शिक्षा से रोजगार जरूर पाया जा सकता है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी ने कहा कि सेमिनार में विभिन्न राज्यों के लोगों ने सहभागिता की। कार्यशाला के विषय पर एकरूपता लाने के लिये दिये गये सुझाव से नीति निर्धारण करने में सहायता मिलेगी। विभाग के तीनों घटकों ने संयुक्त रूप से कार्यशाला में जो भूमिका अदा की है, वह सराहनीय है।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल की उपाध्यक्ष रमा मिश्र ने कहा कि शिक्षकों को सब आता है, यह नहीं सोचना चाहिये, सदैव विद्यार्थी बनकर ज्ञान अर्जित करना चाहिये। इसी भावना से शिक्षक राष्ट्र निर्माण में अपने विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ देने की भूमिका अदा कर सकता है। संयुक्त संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने सार रिपोर्ट प्रस्तुत की। मंत्री परमार ने सेमिनार के वक्ताओं और मॉडिएटर को स्मृति-चिन्ह भेंट किये और आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा ने आभार माना।