MP Board- आज से हफ्तेभर खुले स्कूल, 6वीं-8वीं के लिए ये व्यवस्था, गाइडलाइन का पालन अनिवार्य

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में डेढ़ साल के बाद आखिरकार स्कूलों (MP schools) को खोला जा रहा है। दरअसल राज्य शासन ने 8वीं से 9वीं तक के स्कूलों को खोलने (school re-open) पर सहमति दे दी है। 1 सितंबर से शुरू होने वाली स्कूलों में बच्चों के लिए नियम और नीति तय किए गए हैं। बच्चों को इन निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

दरअसल मध्य प्रदेश में 39000 सरकारी और एक लाख के करीब सीबीएसई (CBSE) स्कूल है। जहां 6ठी से 8वीं तक की कक्षा 50 फीसद उपस्थिति के साथ संचालित होगी। वही MP Board 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं भी एक सप्ताह तक 100 फीसद के साथ संचालित की जाएगी। एमपी स्कूलों ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है।

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वही सभी विद्यार्थियों को सप्ताह में 3 दिन ही स्कूल आना होगा। 3 दिन उन्हें ऑनलाइन क्लास में पढ़ाया जाएगा। इस मामले में बीते दिनों स्कूल शिक्षा विभाग ने सीएम शिवराज (CM Shivraj)  के निर्देश के बाद स्कूल खोलने के आदेश जारी किए थे। MP Board 9वीं से 12वीं की कक्षाएं 50% क्षमता के साथ लगाई जाएंगी। 9वीं 10वीं कक्षा सप्ताह में 1 दिन लगेगी। वहीं MP Board 11वीं और 12वीं की कक्षा सत्ता में 2 दिन लगाई जाएगी। स्कूल आने के लिए बच्चों को अभिभावकों की अनुमति आवश्यक होगी साथ ही सभी शिक्षकों कर्मचारियों को वैक्सीनेशन अनिवार्य किया गया है। वही बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाने के साथ ही अभिभावकों इसकी सूचना देने अनिवार्य होगी।

ये व्यवस्था

  • वही बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ेगा।
  • छात्र आपस में कोई सामान का लेन-देन नहीं कर सकेंगे।
  • साथ ही छात्रों को खाने का सामान भी साथ लाना होगा।
  • पीने की पानी की व्यवस्था स्कूल में होगी लेकिन बच्चों को पानी साथ लाने की सलाह भी दी गई है।
  • प्राइवेट स्कूल में कैंटीन को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
  • साथ ही सरकारी स्कूल में मध्यान्ह भोजन भी नहीं दिया जाएगा।

गाइडलाइन का पालन अनिवार्य

  • बच्चों को खुद ही खाने का सामान घर से लेकर आना होगा।
  • साथ ही कुछ खुली जगह पर अकेले खाना खाने की छूट दी जा सकती है।
  • इसके अलावा लंच बच्चों को क्लास में ही करना पड़ेगा।
  • यदि बच्चे भी स्कूल में बीमार पड़ता है, शारीरिक तापमान में वृद्धि की जाती है।
  • सर्दी जुकाम और खांसी होने पर बच्चों को कमरे में ले जाया जाएगा और बच्चों के अभिभावक को इसकी सूचना देकर बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

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