भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार के बजट (union budget 2022-23) की घोषणा के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने बजट (MP Budget 2022-23) जारी कर दिया है। दरअसल मध्यप्रदेश Budget 2022-23 जनभागीदारी से तैयार किया गया। वहीं जनता से राय लेने के बाद MP Budget के स्वरूप में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। वहीं इस बजट में शिक्षा व्यवस्था पर ज्यादा जोर दिया गया। दरअसल सरकार ने प्रदेश में शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए उपाय किए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग (MP School education department) के लिए वर्ष 2022-23 में ₹27 हजार 792 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
दरअसल CM Rise School योजना के लिए पहले चरण में 360 स्कूल शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। विद्यालय की लागत 7000 करोड़ से अधिक अनुमानित की गई है। प्रतिभाशाली बच्चों को सही मार्गदर्शन और मूलभूत आवश्यकता उपलब्ध कराने और स्वावलंबी बनाने के लिए प्रखर योजना को प्रस्तावित किया गया है। जिसकी शुरुआत 2022-23 में की जाएगी। साथ ही 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षर व्यक्तियों को निरक्षरता उन्मूलन के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
- स्कूल शिक्षा विभाग के नए प्रावधान में अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए 350 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
- वही पंचायती राज संस्थाओं के अध्यापक और संविदा शाला शिक्षकों के वेतन मानदेय के लिए 310 करोड़ रुपए का प्रावधान तैयार किया गया।
- शासकीय स्कूल छात्रावास पुस्तकालय आवासीय खेलकूद भवन के निर्माण और विस्तार हेतु 253 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
- अशासकीय शालाओं को अनुदान के लिए ₹200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।
- साथ ही शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का उन्नयन और संधारण हेतु 166 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- इसके अलावा निशुल्क पाठ्य सामग्री के प्रधान के लिए 109 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- हाय/हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने लिखने की बैठक व्यवस्था और प्रयोगशाला के लिए ₹100 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
- सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 करोड़ का प्रावधान किया गया
- वहीं माध्यमिक शालाओं के लिए 6212 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- समग्र शिक्षा अभियान के लिए ₹3908 करोड का प्रावधान किया गया।
- वहीं शासकीय हायर हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए 3160 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
- वही सीएम राइज स्कूल के लिए 855 करोड़ का प्रावधान,
- विभागीय परिसंपत्ति के संधारण के लिए 457 करोड़ का प्रावधान
- आरटीई के तहत अशासकीय स्कूल को ट्यूशन फी की प्रतिपूर्ति के लिए ₹400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।