दरअसल हायर एजुकेशन के लिए उपलब्ध कराने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप ऑनलाइन इंटीग्रेटेड प्रक्रिया के तहत एडमिशन लेने वाले को ही उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के नियम में बदलाव की तैयारी की गई है। आ रही जानकारी के मुताबिक नियम बदलने का यह निर्णय वित्त विभाग की एसीएस के अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है।
इसके तहत प्रवेश प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन पोस्टल अनिवार्य शर्त निर्धारित की गई है। जिसके बाद अभी इंजीनियरिंग कोर्स में सेंट्रलाइज काउंसलिंग के माध्यम से केवल जेईई मेंस एडमिशन होने पर स्कॉलरशिप उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही मैनेजमेंट कोर्स के लिए CAT, MAT, ATMA सहित अन्य प्रवेश परीक्षा से चयनित और प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट को ही पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा।
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इतना ही नहीं अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त संस्थानों में भी तय की गई प्रवेश प्रक्रिया से ही एडमिशन लेने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए आयु सीमा भी निर्धारित की गई है। पीजी कोर्स के लिए एडमिशन लेने वाले छात्रों की अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष जबकि पीएचडी में प्रवेश लेने के लिए आयु सीमा 35 वर्ष तय की गई है। 2 कोर्स के बीच 2 वर्ष से ज्यादा का अंतर होने पर स्कॉलरशिप प्रदान नहीं की जाएगी।
अल्पसंख्यक कॉलेजों में भी यह नियम लागू होंगे। इसके लिए विभागों को नियमों की जानकारी दी गई है। जनजाति कार्य विभाग की तरह अनुसूचित जाति कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत स्कॉलरशिप के आवेदन स्वीकृत और भुगतान प्रक्रिया एक ही पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। बीते महीने शासन स्तर पर वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभागों की बैठक बुलाई गई थी जिसमें नियम की जानकारी दी गई थी। वहीं इस नियम को इसी सत्र से लागू किया जा रहा है।
बता दे 2022-23 के लिए जारी कैलेंडर के मुताबिक 30 सितंबर तक कोर्स के लिए मान्यता दी जाएगी। वही स्कॉलरशिप के लिए 30 नवंबर से आवेदन शुरू होंगे। आवेदन के पश्चात 31 दिसंबर को स्कॉलरशिप का भुगतान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में स्कॉलरशिप योजना से अनुसूचित जाति-जनजाति सहित ओबीसी के करीब 8 लाख छात्र इसका लाभ ले रहे हैं। वहीं सरकार द्वारा नियमों में बदलाव होने के बाद अब सिर्फ उन्हीं छात्रों को स्कॉलरशिप उपलब्ध कराई जाएगी, जो ऑनलाइन इंटीग्रेटेड एडमिशन प्रक्रिया के तहत प्रवेश लेंगे। कॉलेज लेवल काउंसलिंग के जरिए एडमिशन लेने वाले छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।