भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायतों-नगर निकाय चुनाव (MP Panchayat-Urban body election) के बाद विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon Session) बुलाया गया है। 25 से 29 जुलाई तक होने वाले इस मानसून सत्र में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष की आयु 21 वर्ष करने अध्यादेश (ordinance) तैयार कर लिया गया है। दरअसल सरकार द्वारा नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश (Municipal Law Amendment Ordinance) के प्रारूप को नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) के अनुमोदन के लिए भेजा गया था।
वही नगर विकास आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के अनुमोदन के बाद शुक्रवार को इसे विधि और विधाई विभाग को भेज दिया गया है। विभाग विधिक पक्षों का अध्ययन करने के बाद सीएम शिवराज के माध्यम से राज्यपाल मंगू भाई पटेल को भेजा जाएगा। जहां से अनुमति मिलने के बाद अध्यादेश की अधिसूचना जारी हो सकती है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो अगले सप्ताह तक इसकी अध्यादेश की अधिसूचना जारी हो जाएगी।
बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 16 नगर निगम, 76 नगर पालिका 255 नगर परिषद के चुनाव दो चरणों में कराए जाने हैं। जिसकी प्रक्रिया 18 जुलाई को पूरी होगी। इसके लिए वर्तमान व्यवस्था के अनुसार पार्षद में नगरपालिका नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है। हालांकि इसके लिए वर्तमान की पात्रता आयु 25 वर्ष रखी गई है जबकि पार्षद पद के लिए पात्रता 21 से अधिक तय की गई है।
जिसके बावजूद इस नियम के कारण 21 वर्ष की आयु में पार्षद बनने वाले युवा अध्यक्ष नहीं बन सकता है। वहीं अब इसमें संशोधन की तैयारी कर ली गई है। मध्य प्रदेश में इस बार नगरीय निकाय के चुनाव प्रत्यक्ष या परोक्ष दोनों प्रणाली से होने की वजह से महापौर का चुनाव सीधे जनता के द्वारा होगा जबकि नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के द्वारा किया जाएगा।
वहीं सूत्रों की मानें तो 28 जून को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में अध्यादेश पर विचार के लिए इसे शामिल किया जाएगा। 2019 में नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जनता की जगह पार्षदों के माध्यम से कराने की व्यवस्था को लागू किया गया था। हालांकि कांग्रेस सरकार द्वारा पात्रता आयु में संशोधन नहीं किए जाने के कारण यह प्रावधान अब तक प्रभाव है। शिवराज सरकार की तैयारी के मुताबिक पार्षदों की आयु के निर्धारित थी अध्यक्ष पद के लिए आयु का निर्धारण किया जाएगा। जिसके लिए अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है।