भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में नए वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा शराब की कीमत (wine price) में बिक्री को देखते हुए वृद्धि करने की तैयारी की जा रही है। शराब की कीमतों को राउंड फिगर (Round Figure) में तय किया जाएगा। प्रदेश में आबकारी नीति (excise policy) के बदलाव के बाद शराब के रेट तय किए गए हैं। जिसके बाद ठेकेदारों द्वारा करीब विभाग के अफसरों से संबंधित शिकायत की गई है। इसको देखते ही विभाग ने कीमतों को राउंड फिगर करने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इसका फायदा राज्य सरकार के खजाने पर भी पड़ेगा।
जानकारी की माने तो आबकारी विभाग ने रेट को राउंड फिगर करने की तैयारी की। उसमें प्रदेश में शराब के दाम फिर बढ़ बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए तैयारी की जा रही है। देसी शराब की कीमतों को ₹3 तक की वृद्धि की जा सकती है। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। दरअसल आबकारी नीति 2022 से शराब को सस्ता करने के लिए एक्साइज ड्यूटी 10% हटाई गई है।
जानकारी के मुताबिक राजधानी में शराब दुकानदारों ने असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर भोपाल के पास शिकायत की है। जिसमें व्यवस्था में बदलाव की मांग की गई है। उत्तर प्रदेश की व्यवस्था का हवाला देते हुए ₹5 से ₹10 के आधार पर रेट तय किए गए हैं। हालांकि अधिकारियों की शिकायत को भी चर्चा में नहीं लिया गया। वहीं आबकारी नीति में रेट के कुछ रुपए के बाद इसे 15 पैसे या 67 पैसे को ₹1 में बदल दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
राज्य के लाखों कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, फिर बढ़ेगा 3% DA! जानें कितनी बढ़कर मिलेगी सैलरी
बता दे कि नया आबकारी नियम में शराब के जो नए दाम तय किए गए हैं। उसमें ग्राहक और दुकानदार दोनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आबकारी नीति के बाद शराब के रेट तय किए गए। लेकिन वह ऐसे ही की ₹1 से लेकर ₹9 तक का हिसाब बनाना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक यदि किसी शराब की कीमत ₹ 3289, ₹ 2149, ₹ 3219 या ₹81 है तो ग्राहक और दुकानदार को लेकर परेशान हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ दुकानदार द्वारा राउंड फिगर में पैसा वसूल की जा रही है।
इसको देखते हुए दुकानदारों की मुश्किल को कम करने और सरकारी खजाने सहित राजस्व का ध्यान रखते हुए शराब की कीमतों में वृद्धि की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि अब शराब की कीमत राउंड फिगर में तय किए जाएंगे। जिससे एक तरफ जहां ग्राहकों और दुकानदारों को इसका फायदा मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ सरकारी खजाने पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।