नर्मदापुरम/होशंगाबाद, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) के महामहिम राज्यपाल (Governor) से एक मां ने गुहार लगाई है। दरअसल अपने षड्यंत्र में फंसे बेटे को न्याय दिलाने के लिए मां ने राज्यपाल से अपील की है। वहीँ अपने लिखे पत्र में उन्होंने IFS सहित कुछ अन्य अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। पत्र लिखते हुए मां ने कहा है कि उनके पुत्र का नाम सौरभ मसीह है, जिनकी अनुकंपा नियुक्ति वनरक्षक, वन मंडल नर्मदापुरम में की गई थी।
मामले की जानकारी देते हुए महिला कृपा मसीह ने कहा कि उनके बेटे को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। दरअसल अंशु एलिस सोनी वरबा तत्कालीन परीक्षेत्र अधिकारी सुखतवा, IFS अजय कुमार पांडे, तत्कालीन DFO, होशंगाबाद में सभी परीक्षेत्र पर 21 जुलाई 2019 को हुई कटाई के प्रकरण में उनके बेटे वनरक्षक सौरभ मसीह का नाम दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया था।
वही अपील पत्र में कहा गया है कि पहले उनके पुत्र सौरभ मसीह को निलंबित कराया गया। फिर विभागीय जांच के नियम विरुद्ध उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। विस्तृत जानकारी में बताया गया है कि होशंगाबाद की कर्मचारी संघ की मदद से मुख्य वन संरक्षक होशंगाबाद द्वारा IFS अजय कुमार पांडे, तत्कालीन डीएफओ होशंगाबाद का आदेश निरस्त कर दिया गया था।
अंशु एलिस सोनी वरबा तत्कालीन परीक्षेत्र अधिकारी सुखतवा और IFS अजय कुमार पांडे, DFO होशंगाबाद द्वारा उनके पुत्र पर बदले की भावना से प्रतिशोध की कार्रवाई की गई। दरअसल पत्र में कहा गया है कि अंशु एलिस सोनी वरबा, तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी सुखतवा और अजय कुमार पांडे, IFS तत्कालीन DFO होशंगाबाद ने योजना पूर्वक घटना को अंजाम दिया है। पहले दिनांक 21 जुलाई 2019 के एक वर्ष से अधिक कालातित अवधी के प्रकरण में अंशु एलिस सोनी वरबा, तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी सुखतवा ने दिनांक 27 जुलाई 2020 में सौरभ मसीह वनरक्षक के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति हेतु वन मंडल होशंगाबाद को पत्र लिखा।
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दिनांक 27 जुलाई 2020 में ही अजय कुमार पांडे IFS तत्कालीन DFO होशंगाबाद ने अभियोजन हेतु स्वीकृति जारी कर दी। अंशु एलिस सोनी वरबा तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी सुखतवा ने अपने अधीन वनपाल राम गोपाल वर्मा से सौरभ मसीह के होशंगाबाद एवं सोहागपुर में दिनांक 27 जुलाई 2020 को जाकर तलाशने कि बात कही। वहीँ वनरक्षक के वहां नहीं मिलने की फर्जी रिपोर्ट एवं पंचनामा बनवाकर दिनांक 29 जुलाई 2020 को न्यायालय इटारसी को गुमराह कर फरारी में न्यायालय इटारसी द्वारा स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया गया।
हालांकि वनरक्षक की मां का कहना है कि वारंट की वजह झूठ है क्योंकि सौरभ मसीह वनमंडल कार्यालय, होशंगाबाद में उपस्थित था और उस समय का वेतन भी दिया गया है।फिर उसे अंशु एलिस सोनी वरबा, तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी सुखतवा ने न्यायालय इटारसी को कुटिलता पूर्वक गुमराह किया गया है। उस परिवाद के न्यायालय में पेश करने की सूचना DFO होशंगाबाद को दी।
जिससे DFO होशंगाबाद ने 29 जुलाई 2020 से ही वनरक्षक को निलंबित करने में देरी नही की। आरोप लगाते हुए कहा गया है कि इस पूरे घटनाक्रम में सौरभ मसीह से एक बार भी पूछताछ नही की गयी थी। जो न्याय के अनुरुप नही थी । इसलिए उच्च न्यायालय जबलपुर से उन्हें जमानत करानी पड़ी।
मामले की जानकारी देते हुए कहा गया है कि सुखतवा परिक्षेत्र में कोई कटाई नही हुई थी, फिर भी POR प्रकरण छ्ल पूर्वक सुखतवा परिक्षेत्र का बनाया गया। POR प्रकरण में सौरभ मसीह का नाम नही है। वनरक्षक सौरभ मसीहसे एक बार भी पूछताछ नही की गई। सेवा में होते हुए भी न्यायालय इटारसी को गुमराह कर फरार बताकर स्थायी गिरफ्तारी का वारंट न्यायालय द्वारा अंशु एलिस सोनी, वरबा, तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी सुखतवा ने जारी करवाया गया है। वरना न्यायालय द्वारा पहले नोटिस, फिर समन, फिर जमानती वारंट, फिर गिरफ्तारी वारंट जारी होता है।
अपील पत्र में गुहार लगाते हुए वनरक्षक सौरभ मसीह की माँ ने कहा है कि स्थायी गिरफ्तारी वारंट विजय माल्या, नीरव मोदी, परमवीर अबुसलें, दाऊद जैसे भगोड़ों का होता है। हम तो बहुत छोटे तबके के निरपराध लोग है । वहीँ वनरक्षक की मां ने राज्यपाल से गुहार लगते हुए कहा है कि अपने पत्र में कहा है कि वह महिला होकर अल्प संख्यक समुदाय से हैं। साथ ही न्यायालय कार्यवाही के कारण उनका पुत्र आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना कर रहा है, जो अंशु एलिस सोनी वरबा तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी सुखतवा और अजय कुमार पांडे IFS तत्कालीन DFO होशंगाबाद के कारण ही है।
साथ ही उन्होंने मांग की है कि उनके पुत्र सौरभ मसीह को और उनके परिवार को संकट में डालने वाली अंशु एलिस सोनी वरबा तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी सुखतवा के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। वहीँ उनके बेटे वनरक्षक सौरभ मसीह को न्याय दिलाई जाए।