भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सहकारिता विभाग की सेवा (Service of MP Co-operative Department) को लोक सेवा गारंटी कानून (Public Service Guarantee Act) में शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही अब कार्य की समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। साथ ही सहकारी समिति सदस्य के आवेदन का निराकरण करने की अवधि निर्धारित कर दी गई है। दरअसल इसका बड़ा लाभ किसानों (Farmers) को मिलेगा। अब प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से ऋण प्राप्त करने के लिए किसानों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए 30 दिन के अंदर निर्णय लेना आवश्यक कर दिया गया है।
बता दें कि शिवराज सरकार द्वारा सहकारिता विभाग में किसानों से जुड़ी सेवाओं को लोक सेवा गारंटी कानून के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है। मध्य प्रदेश के किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीएम शिवराज ने सहकारिता विभाग की सेवाओं को लोक सेवा गारंटी कानून के अंतर्गत लाने का फैसला किया है। वहीं यदि ऋण संबंधी आवेदन का निराकरण 30 दिनों में नहीं होते हैं तो किसान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ के पास अपील कर सकेंगे।
वही 30 दिन के अंदर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आवेदन का निराकरण करना होगा। यदि कोई किसान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति का सदस्य बनना चाहता है तो उसके आवेदन 30 दिन के अंदर निर्णय लेना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में लाखों किसान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति से फसलों के लिए ऋण लेते हैं। इनके लिए 75 फीसद राशि जबकि 25 फ़ीसदी सामग्री के तौर पर किसानों को उपलब्ध कराई जाती है। इतना ही रही कृषि ऋण पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसी भी तरह का ब्याज नहीं लिया जाता है। जिसका सीधा लाभ प्रदेश के 30 लाख से अधिक किसानों को होता है। इसके अलावा राज्य सरकार सहकारी बैंकों को ब्याज की प्रतिपूर्ति के लिए 800 करोड़ रुपए का वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराती है।





