MP : शासन की योजना से मिलेगा 5 लाख रुपए तक का लाभ, कार्य में आई तेजी, कई जिलों का प्रदर्शन बेहतर

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में गरीबों को बीमारी के लिए 5 लाख रुपए तक के निशुल्क इलाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड (Ayushman card) की नवीन योजना शुरू की गई। इसके तहत राज्य शासन (state government) द्वारा सभी जिला कलेक्टरों (collectors) को हितग्राहियों (beneficiaries) के आयुष्मान कार्ड बनवाने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि CM निर्देश का पालन करते हुए तरफ जहां कई जिले इस मामले में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं राजधानी समेत सात जिलों की हालत खस्ता है।

भोपाल संभाग के तहत आने वाले जिलों ने आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी दिखाई है। वही उन जिलों में Card के फर्जीवाड़ा भी राजधानी के मुकाबले बहुत कम है जबकि गुणवत्ता की बात की जाए तो इसमें राजधानी सहित कई जिले बेहद पिछड़े हुए हैं। 5 मई को जारी एक रिपोर्ट में आयुष्मान भारत कार्ड को बड़ा खुलासा हुआ। जिसमें भोपाल को दिए गए लक्ष्य 11 लाख 75 हजार 805 लोगों के लिए आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाना था। इसके लिए गरीबों को इलाज देने अफसरों द्वारा तेजी दिखाई गई है। फरवरी में 780349 आयुष्मान कार्ड जारी कर दिए गए। हालांकि ऐसे आयुष्मान कार्ड में 10231 आयुष्मान कार्ड फर्जी निकले थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने निरस्त कर दिया गया।

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वहीं अन्य जिलों की बात करें तो इस मामले में विदिशा रायसेन राजगढ़ सीहोर जैसे जिन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाने में रफ्तार में तेजी दिखाई है और ये जिले राजधानी सहित अन्य कई जिले से आगे हो गए हैं। इधर कलेक्टर द्वारा भी अधिकारी कर्मचारियों को लगातार आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। दरअसल दिशा निर्देश का पालन करते हुए कई जिलों में 18 मई तक आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा कटनी जिले में भी कलेक्टर द्वारा हेल्थ कार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं स्वास्थ्य मेले की भी तैयारी शुरू की गई है। जिसमें लोगों को आयुष्मान कार्ड के फायदे बताए जाएंगे और हितग्राहियों को इसका लाभ दिया जाएगा।

जबकि ग्वालियर मुरैना की बात करें तो कलेक्टर के मिले दिशा निर्देश के बाद आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी लाई जा रही है। बता दे कि इस मामले में लापरवाही बरतने पर उप संचालक को नोटिस भी जारी किया गया था। भिंड जिले भी इस मामले में बेहद पिछड़े हुए हैं। 4 साल में जिले में 56% लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बन सके। 44% पात्र अभी इस लाभ से वंचित है। वहीं हितग्राही को जल्द डाटा में शामिल करके इनके आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी लाई जा रही है।

आयुष्मान योजना का लाभ गरीब वंचित ग्रामीण शहरी आर्थिक रूप से बेहद कमजोर शहरी परिवारों को मिलते हैं। इस योजना के तहत सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के डेटाबेस (database) में जिन व्यक्तियों के नाम मौजूद होते हैं। उन्हें खुद खुद आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री योजना का लाभ दिया जाता है। इसके लिए सबसे पहले इसे बनवाने हेतु लोक सेवा गारंटी केंद्र में आवेदन करना होता है। जिसके बाद बीपीएल पात्रता पर्ची सहित अन्य प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जमा करने के बाद आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं। हालांकि आयुष्मान कार्ड में अब तक कई फर्जी कार्ड भी बरामद किए जा चुके हैं। जिसे जांच के बाद निरस्त कर दिया गया है।


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