जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High court) ने एक बार फिर से कर्मचारियों (mp employees) को बड़ी राहत दी है। दरअसल अब कोटवारों (kotwars) को मिलने वाले विशेष वर्दी के लिए राशि उनके खाते में उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए राज्य शासन द्वारा नए नियम तय किए गए हैं। हालांकि सरकार के इस नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। ठेकेदारों द्वारा इस बात के लिए हाई कोर्ट में याचिका दी गई थी। जिसकी याचिका को निरस्त कर दिया गया है।
हाई कोर्ट ने साफ किया है कि इस मामले में सरकार की नीति उचित है। इसे चुनौती देना गलत है। वहीं राज्य के 37000 कोटवारों को वर्दी खरीदने के लिए अब राशि सीधे बैंक में ट्रांसफर की जाएगी। मध्यप्रदेश में कोटवारों की संख्या 37 हजार है। इनके पास अपनी सेवा भूमि होती है। जिस पर खेती करके यह भरण-पोषण करते हैं। इन्हें विशेष वर्दी भी प्रदान की जाती है। इनके वर्दी पहले ठेके के आधार पर तैयार की जाती थी। जिसमें काफी समस्या उत्पन्न होने के बाद सरकार द्वारा नई नीति तैयार की गई थी। जिसके तहत वर्दी की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेज जाने का फैसला लिया गया था। हालांकि इस फैसले को लेकर ठेकेदार परेशान हो गए थे और उन्होंने इसके लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
वहीं राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता यस सोनी ने दलील पेश की। उन्होंने दलील दी कि कबीर हरकरधा बुनकर समिति के संचालक रफ़ीक अंसारी द्वारा दायर याचिका बिल्कुल अनुचित है। इसमें याचिकाकर्ता अपने फायदे देख रहे हैं जबकि मध्यप्रदेश शासन ने व्यापक हित में 37000 कोटवारों के पक्ष में फैसला लिया है।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा पारित आदेश का लाभ कोटवारों को मिलेगा। उन सब की बर्दी बनाना, सही नाप की बनाना, सही समय पर देना यह बेहद मुश्किल काम था। जिसके बाद अब कोटवार के पास राशि पहुंचेगी और वह अपनी सुविधानुसार वर्दी खरीद सकेंगे।