जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से MP High Court ने राज्य शासन को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल मामला है अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) का। जानकारी के मुताबिक कर्तव्य का पालन करते हुए एक कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गया। जिससे उसकी मृत्यु हो गई और कोरोना संक्रमित वृद्ध महिला सफाईकर्मी के बेटे को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं प्रदान की गई है। जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने इस मामले में मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय सहित संयुक्त निदेशक, संस्कृति विकास मंत्रालय व निदेशक और संस्कृति परिषद से जवाब तलब किया है।
बता दें कि न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ के सामने अनुकंपा नियुक्ति मामले की सुनवाई की जा रही है। दरअसल भोपाल निवासी याचिकाकर्ता संतोष डाबरा की ओर से अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी द्वारा दलील पेश की गई। जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता की मां साहित्य अकादमी भोपाल में स्वीपर के पद पर कार्यरत थी। सेवा में रहने के दौरान एक विजय वर्सेस कोरोना संक्रमण से उनकी मृत्यु हो गई।
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जिसके बाद याचिकाकर्ता ने पुत्र होने के नाते अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। हालांकि अब तक आवेदन पर कोई समय नहीं की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसकी मां ने 20 वर्ष तक स्वीपर के रूप में कार्य किया था। वही कोरोना के खतरे की परवाह किए बिना उन्हें सफाई की दिशा में तत्परता दिखाई है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना के अंतर्गत उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित किया जा रहा है।
वही कोई सुनवाई नहीं होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। जिसके बाद अब राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना लागू है। जिसके तहत यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रितों को 5 लाख तक की अनुग्रह राशि की सहायता देने के साथ ही उनके उत्तराधिकारी को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।