भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में अधिकारी कर्मचारियों (Employees) की सुस्ती उन पर भारी पड़ सकती है। दरअसल एक तरफ जहां अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से उन पर कड़ा एक्शन लिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) में लगातार बढ़ रहे पेंडिंग केसों (pending case) के आंकड़े चिंता का कारण हो सकते हैं। दरअसल अकेले इंदौर जिले में 16000 से अधिक शिकायतें लंबित है। हालांकि पिछले 1 महीने से नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की व्यस्तता से भी सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के पेंडिंग आंकड़ों में वृद्धि हुई है।
बता दे कि अकेले इंदौर जिले की बात करें तो सबसे अधिक शिकायत नगर निगम, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण विभाग, पुलिस विभाग, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विभाग सहित राजस्व विभाग में देखने को मिला है। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय और श्रम विभाग में भी शिकायतों की फेहरिस्त लंबी है। कई विभाग सीएम हेल्पलाइन में पहुंचने वाली शिकायतों के निराकरण में काफी पीछे चल रहे हैं। जिसमे राजस्व, आदिम जाति कल्याण विभाग के अलावा कृषि और पिछड़ा वर्ग विभाग शामिल है।
पिछले आंकड़ों की बात करें तो खराब प्रदर्शन की वजह से कई विभागों को लगातार D की श्रेणी में रखा जा रहा है। वही सीएम हेल्पलाइन पर प्रदेश स्तरीय रैंकिंग तैयार की गई थी। जिसमें प्राप्त शिकायतों की संतोषजनक निराकरण नहीं करने की वजह से मई महीने में इंदौर आठवें स्थान पर खिसक गया था। हालांकि जून में भी स्थिति वही नजर आ रही है। बता दें कि 20 जुलाई को इसके लिए आंकड़े पेश होने वाले हैं।
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अपर कलेक्टर पवन जैन के मुताबिक चुनाव में व्यस्त होने के कारण कई विभाग सीएम हेल्प लाइन के शिकायतों पर ध्यान नहीं दे पाए लेकिन आने वाले समय में जल्द समस्याओं के निराकरण में तत्परता से काम लिया जाएगा। वहीं ऐसे विभाग, जिनकी चुनावी व्यस्तता नहीं होने के बावजूद उनके अधिकारियों द्वारा शिकायतों और समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है, उन्हें अपना प्रदर्शन ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं।
जुलाई के 15 दिन बीतने के बाद इंदौर में लगभग 5000 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हुई है। बावजूद इनमें से किसी भी समस्या का निराकरण नहीं होना, अपने आप में बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं। इतना ही नहीं अब सीएम शिवराज की बैठकों का दौर एक बार फिर से शुरू होगा। कई बार सीएम हेल्पलाइन नंबर में शिकायतों के संतोषजनक जवाब ना देने और गड़बड़ी मिलने के बाद कई अधिकारी कर्मचारियों पर गाज गिर चुकी है। ऐसे में अधिकारी कर्मचारी तत्परता दिखाते हुए सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण कर अपने प्रदर्शन को ठीक करने की कवायद तेज करेंगे।