भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में एक बार फिर से राजनीति (politics) तेज हो गई है। सियासी उथल-पुथल के बीच इन्वेस्टर समिट (investors summit) को निवेश नौटंकी करने से पहले पूर्व मंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी (jitu patwari) ने शिवराज सरकार (Shivraj government) से पुरानी निवेश पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है। जीतू पटवारी का कहना है कि निवेश नौटंकी शुरू करने से पहले सरकार को पुराने निवेश पर श्वेत पत्र लाने चाहिएं। साथ ही शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश को झूठे दावे और सस्ती लोकप्रियता से गुमराह कर रहे हैं। जीतू पटवारी का कहना है कि अब तक करोड़ों के निवेश होने के बाद भी विकास नाम का अबोधबालक बड़ा नहीं हो पाया है।
निवेश नौटंकी शुरू करने से पहले जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार को पुराने हवाई निवेश के हिसाब देने की बात कही है। इसके अलावा पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को मध्यप्रदेश बुलाने और झूठे सपने दिखाने से पहले अनुभवी और दूरदर्शी सीएम को अब तक के हुए निवेश की सच्चाई का एक पत्र भी जारी करना चाहिए। जीतू पटवारी ने CM शिवराज को पत्र लिखा है।
असहमति दर्ज कराते हुए उन्होंने कहा कि 7 और 8 जनवरी 2023 को कर्ज निर्भर मध्यप्रदेश में इन्वेस्टर सम्मिट में आने का निमंत्रण प्रधानमंत्री को दिया गया है। राजनीतिक स्वार्थ और जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से यह योजना व्यवहार में आये क्योंकि रिटायरमेंट टूरिज्म के उद्देश्य से मई में दावोस और जर्मनी की यात्रा के बहाने अंतरराष्ट्रीय भ्रमण भी शुरू कर सकते हैं।
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पटवारी ने अपने लिखे पत्र में कहा है कि भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि अब तक कुल कितना निवेश हुआ है। कितने लोगों को रोजगार मिला कितने निवेश धरातल पर उतरे आयोजन के नाम पर अब तक भाजपा ने कितना खर्च किया है। पटवारी ने आगे पत्र में लिखा है कि निवेश के पुराने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने मांग की है कि वर्ष 2007 इंदौर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1.22 लाख करोड़, साल 2010 में खजुराहो समिट में 2.41 लाख करोड़, वर्ष 2012 में इंदौर समिट में 2.94 लाख करोड़ और साल 2014 में इंदौर इन्वेस्टर्स समिट में 4.42 लाख करोड़ रुपए और वर्ष 2016 में इंदौर की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 5 लाख 62 हजार 847 करोड़ के 2630 निवेश के प्रस्ताव आने का दावा किया गया है लेकिन अब तक इसकी हकीकत सरकार द्वारा जनता को नहीं बताई गई है। इसके लिए जनता के सामने एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
जीतू पटवारी ने कहा कि सभी इन्वेस्टर समिट के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए निकाले गए लेकिन इसका धरातल पर क्या संबंध है। कई विदेश यात्राएं भी की गई प्रदेश की तस्वीर बदलने के तमाम दावे के बीच में रोजगार की भावनाओं से खेला गया। साथ ही रोजगार के बड़े-बड़े दावे भी बढ़-चढ़कर किए गए। कई कंपनियों को बड़े पैमाने पर जमीनों का आवंटन किया गया लेकिन विकास का अबोध बालक बड़ा नहीं हुआ।
पटवारी ने पत्र में लिखा कि मध्य प्रदेश कभी शांति का टापू कहलाता था लेकिन एनसीआरबी के आंकड़ों से अब अपराधों की स्थिति न केवल देश बल्कि दुनिया में मध्यप्रदेश का नाम खराब कर रही है। सरकार की नाकामी वह अपराधी तत्वों को खुला संरक्षण मिल रहा है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के नाम पर बुलडोजर बनी भाजपा झूठी सस्ती लोकप्रियता बटोर रही है और लोगों को गुमराह कर रही है। इसलिए निवेश के झूठे दावों को जमीन पर लाने से पहले अपराधों की खड़ी फसल को नष्ट करने की मांग जीतू पटवारी ने की है।