MP News : लापरवाही पर बड़ा एक्शन, TI-डाक सहायक सहित 3 निलंबित, 30 को नोटिस जारी

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों (negligent officer employees) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। एक तरफ जहां कई अधिकारी कर्मचारी पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों को नोटिस जारी करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पहली कार्रवाई खंडवा (khandwa) जिले में की गई। जहां बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार किए आरोपी की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। बता दे कि परिवार के लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

परिवार के लोगों का आरोप है कि तबीयत खराब होने के बाद भी आरोपी को अस्पताल नहीं ले जाया गया। जिससे लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने सख्त कदम उठाए हैं और कोतवाली टीआई को निलंबित कर उसे लाइन अटैच कर दिया गया है। साथ ही इस मामले की जुडिशयल जांच के भी आदेश दिए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक कोतवाली थाने में बाइक चोरी के मामले में 56 वर्षीय भगवान सिंह पुत्र राम सिंह को गिरफ्तार किया गया थ।  हालांकि सुबह भगवान सिंह की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थाने में तबीयत खराब होने के बाद सुबह करीब 11:00 बजे कोतवाली पुलिस कर्मियों से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया था। अब इस मामले में परिवारिक आरोप को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने टीआई को सस्पेंड किए हैं।

एक अन्य कार्रवाई Bina जिले में की गई है। जहां पोस्ट ऑफिस में ग्राहकों के करीब ढाई करोड़ का चूना लगाने के मामले में डाक विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल डाक विभाग ने डाक सहायक हेमंत अहिरवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कार्रवाई पोस्ट ऑफिस के करीब सवा करोड़ के घोटाले मामले में की गई है। जिसमें डाक सहायक पर मृत लोगों के खाते से लाखों रुपए की निकासी का आरोप लगाया गया है। इस मामले में विभागीय जिम्मेदारी में भी लापरवाही सामने आई है।

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जानकारी के मुताबिक डाक सहायक हेमंत अहिरवार का तबादला Khurai पोस्ट ऑफिस में किया गया था।  हालांकि इस तरह के घोटाले सामने आने के बाद तबादला नीति के तहत उनका ट्रांसफर भोपाल किए गया था। उन्हें भोपाल से खुरई वापस भेजा गया था। जिसके बाद प्रवर अधीक्षक एके अरख ने उन्हें निलंबित कर दिया है।

जानकारी देते हुए प्रवर अधीक्षक ने बताया कि गड़बड़ी मिलने के बाद डाक सहायक को निलंबित किया गया है। साथ ही विभागीय जांच चल रही है। 3 टीमें अलग-अलग जांच कर रही है। इससे पहले डाक सहायक हेमंत अहिरवार पर आरोप लगाया गया है कि 6 फरवरी 2021 को मृत काशीराम रजक का निधन हो ग। या जिसके बाद खाता बंद करने और जमा रकम निकलवाने के लिए पोस्ट ऑफिस में संपर्क किया गया। इसमें जानकारी सामने आने के बाद कह दिया गया कि मामला सागर भेजना पड़ेगा। वहीँ स्वर्गीय काशीराम के खाते साढ़े 3 लाख रुपए की निकासी की गई थी।

वहीं एक अन्य कार्रवाई धार जिले में की गई है। दरअसल इंदौर आयुक्त पवन कुमार शर्मा द्वारा धर्मपुरी में पदस्थ सहायक जिला आबकारी अधिकारी आरएस राय को निलंबित कर दिया गया। इस दौरान आरएस राय कार्यालय में पदस्थ रहेंगे। जानकारी की माने तो आरएस राय धर्मपुरी क्षेत्र के एक युवक को गांव से उठाकर कार्यालय में ले जाकर मारपीट करने में जुटे शराब प्रकरण ना बनाने की एवज में 30000 की रिश्वत की मांग की गई थी। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर धार ने इस मामले में संज्ञान लिया। एसडीएम की जांच में घटना की सत्यता पाई गई। जिसके बाद आबकारी अधिकारी को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है।

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इस मामले में सहायक जिला आबकारी अधिकारी गजानंद के घर जाकर उसे मारपीट की। पीड़ित ने बताया कि 20 जून को वह कारण नदी पर नहाने गया था। इस दौरान आबकारी दल द्वारा उसके कार्यालय में ले जाकर उससे मारपीट की गई। वही एवज में ₹30000 की मांग की गई। ₹25000 लेने के बाद उसे मौके से छोड़ दिया गया और 5000 कि शेष रकम दूसरे दिन मंगलवार को ली गई। जिसके पास पैसे लेने की पुष्टि गुजरी निवासी सुभाष महाजन के बयान से की गई है। वहीं मामले मैं उच्च अधिकारियों का कहना है कि यह कर्तव्य के पालन में अशिष्टता और अशोभनीय आचरण माना जा रहा है और इसके लिए मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 और 3 (क) के प्रतिकूल आचरण व्यवहार के कारण इन्हें निलंबित किया गया है।

इधर उज्जैन में नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने शहर के भूमिगत सीवरेज पाइप लाइन की सारे टाटा प्रोजेक्ट कंपनी को 7 दिन में काम समेटने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में नगर निगम आयुक्त ने कहा है कि जहां भी पाइप लाइन को बिछाने की जमीन को दिए 1 सप्ताह भर में काम पूरा कर लिया जाए। उच्च प्रबंधन के साथ बैठक की गई है। कहा गया कि बैठक के बाद से काम करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। इतना ही नहीं निगम ने प्रोजेक्ट को ठेका निरस्त करने का भी नोटिस भेजा था। जिसमें निगम ने 11 खामियां बताई थी। निगम रिकॉर्ड के अनुसार भूमिका सीवरेज पाइप लाइन प्रोजेक्ट नवंबर 2017 में शुरू हुआ था। बावजूद इसके अब तक काम पूरा नहीं किया गया है। वहीं टाटा ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के प्रमुख सचिव को एक पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया था कि प्रोजेक्ट के ड्राइंग डिजाइन देर से मिलने आम चुनाव, कोरोना और नदी किनारे पाइप लाइन बिछाने की एवज में किसानों को मुआवजा ना मिलने की वजह से प्रोजेक्ट में काफी देरी हुई है।

इसके अलावा एक अन्य कार्रवाई राजधानी भोपाल में की गई है। जहां कोलार डैम के नजदीक बने रातापानी जंगल लॉज के भूमि स्वामी पूर्व मुख्य सचिव आदित्य विजय सिंह के बेटे धनंजय सिंह को नोटिस जारी कर वन विभाग ने रिसोर्ट परिसर में किसी भी तरह के निर्माण और पेड़ कटाई पर रोक लगा दी है। इस मामले में विभाग का तर्क है कि रिसॉर्ट वन विभाग की भूमि पर बना हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ धनंजय सिंह ने इसमें मुख्य सचिव इकबाल सिंह को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। उन्होंने तीन पत्र में बताया कि जमीन खरीदी गई है और 10 साल पहले ही Resort चल रहा है। यह भी कहा गया है कि विभाग फिजूल में परेशान कर रहा है। जिसके बाद राज्य शासन ने प्रमुख आर के गुप्ता को मामले की जांच के निर्देश दिए। विभाग ने कहा है कि सिंह के अलावा अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किया गया है इनमें से ज्यादातर लोग ढाबा चला रहे हैं।

वहीं एक अन्य कार्रवाई नरसिंहपुर जिले में की गई है। जहां पंचायत आम निर्वाचन के अंतर्गत मतदान दलों का प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित रहने वाले 13 अधिकारी कर्मचारियों को अपर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। 16 और 17 जून को आयोजित प्रशिक्षण में उक्त कर्मचारी उपस्थित नहीं थे। जिसके बाद यह नोटिस जारी किया गया है। इनमें से बैंक ऑफ बड़ौदा नरसिंहपुर के सुखचैन चौधरी सहित शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक, नगर परिषद के सहायक राजस्व निरीक्षक, जिला चिकित्सालय के एम ओ, कार्यपालन यंत्री सहित कई प्राथमिक शिक्षक और अन्य नदारद थे। जिसके बाद इन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


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