भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) को बड़ी राहत दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के गृह मंत्रालय के आदेश को निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई में मध्य प्रदेश के गृह मंत्रालय (Home ministry) को आदेश दिया है कि 2017-18 में आरक्षक पद पर भर्ती के लिए आरक्षित वर्ग के प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को उनकी पसंद की पोस्टिंग (posting) दी जाए।
दरअसल याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ऑरेंज मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है। दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा 20 अप्रैल 2018 को एक आदेश दिया गया था। जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि उम्मीदवारों को किसी भी तरह की राहत न दी जाए। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता प्रवीण कुमार कुर्मी की ओर से वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर ने अपना पक्ष रखा।
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जिसमें उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में 14088 पदों पर आरक्षकों की भर्ती की गई थी। इस भर्ती मैं आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनारक्षित में स्थान देते हुए उन्हें बटालियन में पदस्थापना दी गई जबकि नियम के अनुसार उन्हें प्रथम वरीयता के आधार पर जिला पुलिस बल या विशेष पुलिस बल की पदस्थापना मिली थी।
जिसके बाद इस रवैया को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट में याचिका निरस्त होने के बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। जहां अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए आरक्षित वर्ग के मेरिट में टॉप उम्मीदवारों को उनकी वरीयता से उच्च क्रम पर व्यवस्था कर पदस्थापना दें।





