भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (inder singh parmar) ने बेहद शर्मनाक बात कही है। फीस कम (low fees) कराने के मुद्दे पर बात करने के लिए पहुंचे पालक संघ के प्रतिनिधियों से मंत्री जी ने बेहद शर्मनाक अंदाज में बात की। मंगलवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के निवास पर पालक संघ के प्रतिनिधि बात करने पहुंचे थे। उनका दुखड़ा यह था कि स्कूल (school) लग नहीं रहे हैं, पढ़ाई हो नहीं रही है, लेकिन निजी स्कूल (private school) वाले लगातार फीस वसूल कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि वे फीस वसूलने की व्यवस्था पर तत्काल प्रभाव से लगाम लगाएं।
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लेकिन मंत्री जी को कैबिनेट में जाने की जल्दी थी तो गाड़ी में जाते जाते वह पालक संघ के प्रतिनिधियों से भड़क गए। जब पालक संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि कोरोना के इस भयावह काल में उनकी कमर टूट चुकी है और निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली आदेश से भी बेहद परेशान हैं और ऐसी स्थिति में क्या वह मर जाएं तो मंत्री जी बोले “मरना है तो मर जाओ जो करना है करिए।”
इतना कहकर मंत्री जी अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। मंत्री जी के व्यवहार की चारों ओर निन्दा हो रही है और पालक संघ ने मांग की है कि स्कूली शिक्षा मंत्री अपने इस दुर्व्यवहार चलते तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे। पालक संघ का यह भी कहना है कि एक ऐसा मंत्री जिसे स्कूली बच्चो के हितों से ज्यादा चिंता निजी स्कूलों की है वह पद पर लायक नहीं।