भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (MP) में फर्जी ऋण (fake loan) मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। दरअसल किसानों के नाम पर फर्जी ऋण स्वीकृत करने के मामले में अब सहकारी केंद्रीय बैंक (co-operative central bank) द्वारा 6 अधिकारियों को निलंबित (Suspend) कर दिया गया। इसके साथ ही एक संविदा कर्मी की सेवा समाप्त कर दी गई। इतना ही नहीं संविदा कर्मचारी के खिलाफ FIR दर्ज कराया गया है।
बता दें कि बीते दिनों सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा किसानों के नाम पर फर्जी ऋण स्वीकृत करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई थी। बड़े खुलासे होने के बाद राज्य शासन की तरफ से इस मामले में जांच के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद अब ग्वालियर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की पिछोर शाखा के तत्कालीन 6 अधिकारी और कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही साथ संविदा कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
बता दें कि यह पहला मामला नहीं है। जब अधिकारी कर्मचारियों को एक साथ निलंबित किया गया। इससे पहले 6 अधिकारी कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है। इस मामले में सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया (arvind bhadauriya) ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
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अपने दिए निर्देश में मंत्री अरविंद भदौरिया ने कहा है कि किसी भी दूसरे अधिकारी कर्मचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा ना जाए। बता दे ग्वालियर की पिछोर शाखा में किसानों के नाम पर फर्जी ऋण स्वीकृत करने के मामले में सहकारी समिति द्वारा 8 करोड़ 47 लाख रुपए की अनियमितता की खबर सामने आई थी।
इसके बाद विशेष जांच के निर्देश दिए गए थे इस बीच शाखा में पदस्थ शाखा प्रबंधक सहित चार लिपिक और बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषी मानते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। जिन अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। उसमें शाखा प्रबंधक अरविंद सिंह तोमर, पीके श्रीवास्तव, लिपिक शिखा गुप्ता, लवली नाडिया, राघवेंद्र पाल, भृत्य देवेंद्र शर्मा और लिपिक प्रशांत रामपुरिया को निलंबित किया गया है। इसके अलावा ग्वालियर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहकारी केंद्रीय बैंक आरबीएस ठाकुर सहित अन्य के खिलाफ FIR के निर्देश दिए गए हैं।
रीवा। इसके अलावा रीवा में बड़ी कार्रवाई की गई। जहाँ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीएल मिश्रा (BL Mishra) ने एमपीडब्ल्यू (MPW) रमेश कुमार चौधरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित (suspend) करने के आदेश दिए हैं। निलंबन अवधि में एमपीडब्ल्यू का मुख्यालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हनुमना निर्धारित किया गया है।
बता दें कि ग्राम मैनहा में फैल्सीफेरम मलेरिया के प्रकोप की जानकारी समय पर कार्यालय को न भेजने और पीडि़तों को उपचार सहायता उपलब्ध नहीं करवाए गए थे। जिसे गंभीर लापरवाही एवं कदाचरण मानते हुए उनपर निलंबन की कार्रवाई की गई है। वहीँ कार्रवाई मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम 1966 के तहत की गई है।