भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) को लेकर तैयारियां अपने मुकाम पर पहुंच गई है। इसके अलावा राजनीतिक पार्टियां (political parties) भी सक्रिय हो गई है। निर्वाचन कार्यालय (election office) की तरफ से अधिकारियों को जल्द से जल्द तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। प्रदेश में चुनाव अटकने का सबसे बड़ा कारण जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण (reservation) पर टिका हुआ है।
माना जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण के लिए अभी 10 से 15 दिन का समय और लगेगा। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण करने की प्रक्रिया पूरी करनी है लेकिन अभी तक इस मामले में कार्रवाई की जा रही है।
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि अधिसूचना जारी करने से पहले पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण अनिवार्य है। इसके लिए कई बार पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा जा चुका है जबकि विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि प्रक्रिया चल रही है। जल्द सूची सार्वजनिक कर इन पर दावे और आपत्तियां मंगवाई जाएगी। जिसमें 7 से 10 दिन का समय लग सकता है।
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मतदाता सूची को दुरुस्त करने के साथ ही साथ चुनाव में मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक 27 नए मतदान केंद्र बनाने का प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा गया है। बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान केंद्रों का प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश निर्वाचन आयोग को भेजा जा चुका है।
जिले में वर्तमान में 1351 मतदान केंद्र हैं। वहीं अतिरिक्त केंद्र तैयार किए जा रहे हैं। वही मतदाताओं की संख्या पहले से तय की जा चुकी है, करीबन 7 लाख 74 हजार से अधिक मतदाता प्रत्याशियों को चुनेंगे। पंचायत चुनाव के लिए जिले की सभी 8 जनपद पंचायतों के 1771 मतदान केन्द्रों पर निर्वाचन प्रक्रिया की निगरानी रखने एवं उसके सुव्यस्थित संचालन के लिए सेक्टर आफिसर नियुक्त किये गये है।
रिटर्निंग अधिकारी एवं जोनल (सेक्टर) आफिसर को अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मतदान केन्द्रों का निरीक्षण कर वहां पर आवश्यक सुविधायें जैसे- भवन, बिजली, पानी, रैम्प, पहुंच मार्ग, आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा गया है। जहां पर भवन उपयुक्त न हो तो उसमें सुधार एवं मरम्मत कार्य शीघ्र कराने कहा गया है। अब तक 1771 मे से 1108 मतदान केंद्रों का सत्यापन कर लिया गया हैं।