जबलपुर –जबलपुर में बरगी सिहोरा पनागर और कुंडम जनपद पंचायत है। जिनके अंदर 270 ग्राम पंचायत आती है। इसके अलावा 84 जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्यों के क्षेत्र है। जिसके वजह से 256 सरपंच के अलावा 83 जनपद सरपंच और 10 जिला पंचायत के सदस्यों के लिए उम्मीदवार भाग्य आजमाएंगे। हालांकि चार जनपद पंचायतों में स्थित 14 सरपंच पदों का निर्विरोध निर्वाचन किया जा चुका है। जबलपुर में आज जिला पंचायत के 10 क्षेत्र के लिए वोट डाले जाएंगे। जिनमें 12345678 14-15 क्षेत्र शामिल हैं।
बता दें कि पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के बाद मतदान केंद्र पर ही मतगणना शुरु कर दी जाएगी। हालांकि 5 जिले से चिन्हित किए गए हैं। जिनपर अभी मतगणना नहीं होगी। भिंड मुरैना टीकमगढ़ सीधी और निवाड़ी में मतगणना 28 जून को होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने पुलिस मोबाइल टीम का भी गठन किया है। किसी भी स्थिति निर्मित होने पर टीम तत्काल मतदान केंद्र पर पहुंचे और मामले को संभालेगी।
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इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से मतदान केंद्र स्तर की जगह विकासखंड मुख्यालय पर मतदान करना चाहते हैं तो इसकी अनुमति दी जा सकती है। 5 जिले द्वारा इसकी अनुमति मांगी गई थी जो प्रदान कर दी गई है। जिसकी वजह से भिंड मुरैना टीकमगढ़ निवाड़ी और सीधी जिले में पंच सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य पद की मतों की गणना 28 जून को सुबह 8:00 बजे से शुरू होगी।
वही आज मतदान के लिए पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य के लिए आयोग ने अलग-अलग रंग के मतपत्र तैयार किए हैं। पंच के लिए जहां सफेद मतपत्र, वहीं सरपंच के लिए नीला, जनपद सदस्य के लिए पीला और जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी रंग पत्र तैयार किया गया है।
वहीं पंचायत चुनाव के परिणामों की घोषणा 14 जुलाई को होनी है। इससे पहले तीन चरण के चुनाव होने। जिसमें पहले चरण का मतदान आज है। शांतिपूर्ण मतदान करवाने के लिए 52 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। मतदान के दौरान स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र में अवकाश घोषित किया गया है।
मामले में राज्य निर्वाचन आयुक्त चुनाव कार्य और तैयारियां पूरी की जा चुकी है। चुनावी ड्यूटी में लगे 400000 से अधिक कर्मचारी इस बार अपने डाक मतपत्र का उपयोग नहीं कर पाएंगे। दरअसल राज्य चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक इनकी वोटिंग का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। जिसके कारण प्रदेश के करीब 4 लाख से अधिक कर्मचारी ऐसे हैं जो अपने वोटों का उपयोग नहीं कर पाएंगे।