राज्य शासन द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन-2022 में मतदान दिवस में जिले के संबंधित क्षेत्र में सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए 25 जून, एक जुलाई और 8 जुलाई को मतदान होगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेजों की सूची जारी कर दी गयी है।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि वोटर स्लिप, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिया गया मतदाता पहचान-पत्र, आधार कार्ड, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, राशन कार्ड (सभी सफेद, नीला, पीला एवं गुलाबी), बैंक/किसान/डाकघर पासबुक, शस्त्र लाइसेंस, सम्पत्ति दस्तावेज़ जैसे पट्टा, रजिस्ट्रीकृत विलेख आदि, विकलांगता प्रमाण-पत्र, निराश्रित प्रमाण-पत्र, तेंदूपत्ता संग्राहक पहचान-पत्र, सहकारी समिति का अंश प्रमाण-पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स दस्तावेज निर्धारित किया गया है।
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इसके अलावा आयकर पहचान-पत्र (पी.एन.एन. कार्ड), राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी आद्यौगिक घरानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान-पत्र, छात्र पहचान-पत्र, सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अ.जा./अ.ज.जा./ अन्य पिछड़ा वर्ग/अधिवासी प्रमाण-पत्र, पेंशन दस्तावेज़ जैसे – भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक/पेंशन अदायगी आदेश/भूतपूर्व सैनिक, विधवा/आश्रित प्रमाण-पत्र, रेलवे पहचान-पत्र, स्वतंत्रता सेनानी पहचान-पत्र और रोजगार गांरटी योजना में जारी फोटोयुक्त जॉबकार्ड दस्तावेज निर्धारित किया गया है।
इस सूची में दर्शाए गए अभिलेखों के अतिरिक्त पीठासीन अधिकारी ऐसा कोई अन्य अभिलेख भी स्वीकार कर सकेगा, जिससे वह मतदाता की पहचान के संबंध में संतुष्ट हो सके। यह स्पष्ट किया गया है कि ऊपर दर्शाए गए कोई दस्तावेज, जो परिवार के मुखिया के पास ही उपलब्ध होता है, उससे परिवार के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए अनुमति दी जायेगी। इसी प्रकार से परिवार के किसी दूसरे सदस्य के नाम से कोई दस्तावेज अन्य सदस्यों की पहचान के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, बशर्ते ऐसे दस्तावेज़ के आधार पर दूसरे सदस्यों की पहचान की जा सकती हो।
यदि कोई मतदाता कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहता है तो पीठासीन अधिकारी स्थानीय कोटवार, पटवारी, शिक्षक, ग्राम पटेल, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी सहायिका इत्यादि कर्मियों या किसी प्रतिष्ठित स्थानीय निवासी से उसकी पहचान स्थापित कराने के बाद, उसे मतदान की सुविधा दे सकेगा।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि महापौर और पार्षद पद का निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्दिष्ट होने के दिनांक से मतगणना दिवस तक के खर्च का व्यय लेखा संधारण किया जाना है। इस संबंध में मध्यप्रदेश नगरपालिका निगम अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है।
निर्वाचन व्यय लेखा के संधारण के लिए विनिर्दिष्ट निर्वाचन व्यय पंजियाँ अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन-पत्र के साथ उपलब्ध कराए जाने के निर्देश हैं। निर्वाचन व्यय लेखा पंजी यदि किसी जिले में उपलब्ध नहीं है, तो आयोग से मांग-पत्र भेज कर प्राप्त की जा सकती हैं।
निर्वाचन व्यय लेखा के लिए बैंक खाता पृथक से संधारित किया जाए। इस प्रक्रिया में यदि कोई कठिनाई हो रही है, तो आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी स्पष्ट प्रस्ताव भेजें। आयोग द्वारा जिले से प्राप्त प्रस्ताव के परीक्षण के बाद मार्गदर्शन दिया जाएगा। निर्वाचन व्यय लेखा संधारण के साथ ही छाया प्रेक्षण पंजी (Shadow Observation Register) का संधारण भी किया जाना है।